Jabalpur: बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, कई गिरफ्तार, बुजुर्ग महिला का सहारा लेकर चलाते थे गिरोह

Kashish Trivedi
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bhopal

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) पुलिस (police) ने एक ऐसे गिरोह (gang) का पर्दाफाश किया है जो कि बुजुर्ग महिला पेंशनधारियों (pensioners) को अपना निशाना बनाया करते थे। इसके लिए गिरोह के सदस्य सड़क पर भीख मांग रही बुजुर्ग महिलाओं का सहारा लिया करते थे। रांझी थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर गिरोह के सरगना सहित तीन लोगो को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जाँच में अभी तक 14 ऐसे मामले सामने आए है। जिसमे की फर्जी तरीके से पेंशनधारी महिलाओं के खाते से न सिर्फ पेंशन निकाली गई है बल्कि लोन भी लिया गया है।

कुछ इस तरह आरोपियों ने बुना जाल-फिर सामने आई यह कहानी

रांझी थाना के व्हीकल मड़ई में रहने वाले योगेंद्र शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई की उसकी नानी जो कि शासकीय स्कूल में टीचर थी। उसे हार्ट की बीमारी थी। जिसका इलाज उन्होंने निजी अस्पताल में करवाया जहाँ उनका काफी पैसा लग गया। ठीक होने के बाद जब गायत्री शर्मा अपने घर आई तो बैंक में लोन दिलाने का काम करने वाले सुशील बाघमारे, उनसे संपर्क किया और कहा कि वह पेंशन खाते से ढाई लाख रु तक का लोन करवा देगा। सुशील के झांसे में आकर गायत्री ने अपनी बैंक पास बुक-आधार कार्ड-पेन कार्ड और फ़ोटो ले लिए। आरोपियों ने बुजुर्ग महिला का आश्वाशन दिया कि एक सप्ताह में आपका ढाई लाख रु का बैंक लोन हो जाएगा। जिसके काम के लिए गायत्री शर्मा से 30 हजार रु भी लिए गए।

4 अक्टूबर 2018 को गायत्री शर्मा का हो गया निधन

सुशील बाघमारे अपने दो अन्य साथी जीवन लाल और राजकुमार के साथ मिलकर काम किया करता था। 4 अक्टूबर को अचानक ही गायत्री शर्मा का निधन हो जाता है। जिसके बाद योगेंद्र शर्मा ने सुशील से जब अपनी नानी के दस्तावेज मांगे तो उसने कहा की नानी खत्म हो गई है। अब दस्तावेजो का क्या करोगे। सुशील और उसके दो अन्य साथियों ने गायत्री शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर उनका खाता, जिस पर की प्रतिमाह 22 हजार रु पेंशन आती थी। उसे कटनी से रांझी बैंक में ट्रांसफर करवा लिए।

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पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार-फिर हुआ ये खुलासा

योगेंद्र शर्मा की शिकायत पर रांझी थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने जब गिरोह के तीनों सदस्यों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। जिसमें खुलासा हुआ कि आरोपियो ने इस तरह की जालसाजी 14 अन्य महिलाओं के साथ भी की है। आरोपी इतने शातिर थे कि सड़क पर भिक्षा मांगने वाली बुजुर्ग महिलाओं को यह कहकर बैंक ले जाते थे कि आपका हर माह एक हजार रु का पेंशन खाता खुलवा रहे है। जिसका आपको लाभ मिलेगा। भिक्षु महिला को बैंक ले जाकर आरोपी सुशील अधिकारियों को बैंक पास बुक देकर खाते से रकम निकाल लिया करता था।

कानून में है इस अपराध की कड़ी सजा

किसी बुजुर्ग महिला की फर्जी तरीके से बैंक पासबुक हड़प लेना और फिर उसके खाते से लाखों रु का लोन लेना कानून की नजरों में यह गंभीर अपराध है। कानून के जानकार बताते है कि इस अपराध में सिर्फ ये तीन ही नही बल्कि बैंक के अधिकारी भी आरोपी बन रहे है। जो कि बिना दस्तावेजो की जाँच कर खाते से निकाल कर दे रहे है।

रांझी और क्राइम ब्रांच पुलिस ने इस केस में तीन आरोपी सुशील बाघमारे-जीवन सिंह ठाकुर और राजकुमार नामदेव को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ धारा 419-420-467-468-471-34 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियो के पास से कई बैंक पासबुक-स्टाम्प पेपर और एटीएम बरामद हुए है।


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