झाबुआ उप चुनाव: गुटबाजी बढ़ाएगी मुश्किलें, भूरिया और मेड़ा टिकट पर अड़े

Published on -
Jhabua-by-election--bhuria-and-maida--claims-for-ticket-

 भोपाल| लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी के हालात बन गए हैं| झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को प्रत्याशी का चयन करना मुश्किल हो रहा है। इस सीट से पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा दोनों नेताओं ने दावेदारी की है, जिससे पार्टी के सामने एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं| लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों ही समय कांग्रेस को यहाँ झटका लगा है, कांग्रेस की इस परंपरागत सीट से 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत को पीएचई से रिटायर्ड अफसर जीएस डामोर ने हराया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में डामोर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांच बार के सांसद कांतिलाल भूरिया को भी हरा दिया। डामोर के लोकसभा सदस्य चुने जाने से उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे यह सीट रिक्त हो गई है। जहां अब उपचुनाव हो���ा है| 

मुख्यमंत्री कमलनाथ 24 जून को झाबुआ दौरे पर रहेंगे, इससे पहले ही उपचुनाव पर राजनीति गरमा गई है। पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने मंगलवार को भोपाल में कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से मुलाकात की। वहीं, पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। कांग्रेस में यहां गुटबाजी पहले ही चरम पर है और इसलिए अब सीएम कमलनाथ ने मोर्चा सम्भाला है| सरकार की स्थिरता के लिए यह उपचुनाव बेहद अहम है, इसलिए कोई चूक न हो इसके लिए सीएम ने अपना फोकस झाबुआ की राजनीति पर बढ़ा दिया है| 24 को कमलनाथ झाबुआ में कार्यकर्ता सम्मलेन करेंगे, इसके दो दिन बाद वे भोपाल में झाबुआ के नेताओं और यहां के प्रभारी मंत्री के साथ बैठक करेंगे| इस बैठक में उपचुनाव को लेकर रणनीति तैयार होगी| इस बैठक में सभी को प्लान साथ लाने को कहा है कि झाबुआ में कांग्रेस कैसे जीतेगी| इस बैठक में संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, उनके बेटे विक्रांत भूरिया के साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ चुके जेवियर मेड़ा भी शामिल होंगे| 

भूरिया और जेवियर दावेदार 

इस सीट से कांतिलाल भूरिया और जेवियर मेड़ा दोनों ही प्रबल दावेदार हैं और मेड़ा स्पष्ट कहते हैं कि कांतिलाल भूरिया के खिलाफ माहौल है और जनता मेरे साथ है। जेवियर मेड़ा भी चुनाव लडऩे की पूरी तैयारी में हैं। जेवियर मेड़ा की दावेदारी इसलिए मजबूत मानी जा रही है क्योंकि, विधानसभा चुनाव में जेवियर मेड़ा को झाबुआ से 30 हजार वोट मिले थे और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रांत भूरिया की हार हुई थी। कांग्रेस को इस बात की भी आशंका है कि यदि उसने देर की तो जेवियर मेड़ा को भाजपा भी अपने में शामिल कर टिकट दे सकती है। हालांकि, जेवियर मेड़ा कहते हैं कि उनके पास ऑफर तो आ रहे हैं, लेकिन वे कांग्रेस के साथ हैं। वहीं भूरिया एक बार फिर चुनाव लड़ने को तैयार हैं| इस स्तिथि को संभालना मुश्किल हो सकता है, क्यूंकि बीजेपी को दोनों ही चुनाव में जीत मिली है और मजबूती के साथ एक बार फिर बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है| 


सिंधिया गुट के नेता हैं जेवियर 

भूरिया और जेवियर के uच की तल्खी उपचुनाव में कांग्रेस को मुश्किल में डाल सकती है| क्यूंकि कांग्रेस में गुटों में बड़ी दूरियों का यहां असर दिख सकता है| जेवियर सिंधिया गुट के नेता माने जाते हैं| वर्तमान में सिंधिया गुट खुलकर सामने आ चुका है, जिससे झाबुआ उपचुनाव में भी कांग्रेस की इस गुटबाजी का असर पड़ सकता है|


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News