कहीं यह कैलाश की छवि पर बट्टा लगाने की साजिश तो नहीं

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भोपाल।

बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय मामले को लेकर प्रदेश के साथ-साथ देश की राजनीति भी गर्मा गई है। कांग्रेस इस मुद्दे पर जहां एक के बाद एक करके कैलाश  पर वार कर रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से प्रदेश के किसी भी नेता ने अभी तक आकाश के पक्ष में खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस घटना को जिस तरह से बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और एक के बाद एक करके आकाश के खिलाफ मामले तलाशने की कोशिश की जा रही है वह अप्रत्यक्ष रूप से आकाश के पिता और राष्ट्रीय राजनीति में कद्दावर नेता के रूप में स्थापित हो चुके कैलाश विजयवर्गीय के ऊपर  हमला है।

दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ही वह नेता है जो कई बार यह कह चुके हैं कि बस इशारे का इंतजार है भाजपा जब चाहे मध्यप्रदेश की सरकार को गिरा दे। पश्चिम बंगाल में भाजपा के सफल प्रदर्शन के बाद मोदी और शाह के सामने कैलाश विजयवर्गीय का कद भी बढा है और राजनीतिक पंडित उन्हें मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं। कैलाश की सफलता और किसी को तो छोड़िए उनके गृह नगर इंदौर में ही पार्टी के कई नेताओं को नहीं पचती और यदा-कदा उनका विरोध करते रहते हैं। ऐसे में आकाश के मामले ने कैलाश विरोधी खेमे को एक मुद्दा दे दिया है जिससे बहु प्रचारित कर कैलाश की छवि बिगाड़ने की कोशिशें लगातार की जा रही है ।

हैरत की बात यह है कि अब इस पूरे प्रकरण के बाद आकाश के खिलाफ बिजली चोरी का एक ऐसा प्रकरण दर्ज किया गया जो मामला कुछ दिन पुराना है। मध्यप्रदेश में भी मुख्य खुद को मुख्यमंत्री की रेस में मानने वाले बीजेपी के कई नेता इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। कमलनाथ सरकार भी इस मुद्दे पर कैलाश के खिलाफ तेजी से जुट गई है और  अधिकारियों को मामला ढूंढने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।हालांकि भाजपा के शीर्ष नेता मानते हैं कि मामला इतना बड़ा नहीं जिस ढंग से इसे पेश किया जा रहा है। राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि इस घटनाक्रम के बाद कैलाश विजयवर्गीय पहले से अधिक ताकत के साथ उभरेंगे।


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