भोपाल। विधानसभा चुनाव में किसान कर्ज माफी का वादा कर कांग्रेस सत्ता में आई थी। किसान कर्ज माफी के पहले चरण में 28 लाख किसानोंं का कर्ज माफी होना था। लेकिन सिर्फ 20 लाख किसानों के खाते में ही राशि भेजी जा सकी। क्योंकि, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में आचार संहिता लागू हो गई। जिसके बाद इस प्रक्रिया पर रोक लग गई। बीजेपी चुनावी सभाओं में अब इस मुद्दे पर जमकर भुना रही है। ऐसे में कृषि विभाग के प्रधान सचिव, राजेश राजोरा ने निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर पांच लाख किसानों के खाते में राशि भेजने के लिए अनुमति मांगी है। पत्र में कहा है कि ऋण माफी के लिए 51.61 लाख आवेदनों में से 24.83 लाख ऋण खातों की जांच की गई।
उन्होंने लिखा है कि प्रदेश के 20 लाख किसानों के खाते में ऋण माफी के लिए राशि भेजी जा चुकी है। लेकिन 4.83 लाख किसानों के खाते में अभी तक ऋण माफी की राशि नहीं पहुंची है। राज्य सरकार ने आयोग से आग्रह किया है कि वह सरकार को शेष खातों में ऋण माफी की राशि हस्तांतरित करने की अनुमति दे। इनमें वह किसान शामिल हैं जिनके कर्ज 50 हजार से कम थे या फिर जिनके खाते एनपीए हो गए हैं। याचिका में कहा गया है कि इस तरह के खातों की एक सूची पोर्टल पर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले प्रदर्शित की गई थी, लेकिन चुनाव संहिता लागू होने के बाद मंजूरी नहीं दी जा सक
कर्ज माफी की राशि ट्रांसफर करना भूला कृषि विभाग
किसानों की कर्ज माफी के संबंध में कृषि विभाग ने एक बड़ी गलती की है। विभाग ने 40,000 किसानों के खातों में ऋण माफी की राशि हस्तांतरित नहीं की, जिनके मामले पहले मंजूर किए गए थे। ये किसान शेष 4.83 लाख किसान हैं। ये मामले जो वाणिज्यिक बैंकों से संबंधित हैं, डिफॉल्टर श्रेणी में आ गए हैं क्योंकि इनमें कोई राशि हस्तांतरित नहीं की गई थी।