भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में पिछली कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के एक और फैसले को पलट दिया गया है। इसके तहत अब 100 यूनिट बिजली (Electricity) खर्च करने पर 100 रुपए बिल की योजना से इनकम टैक्स (Income Tax) देने वाले 6 लाख उपभोक्ताओं को बाहर किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से बिजली उपभोक्ताओं (Electricity consumers) को बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बदलाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है।
यह भी पढ़े… Madhya Pradesh : लोकायुक्त का शिकंजा, तहसीलदार 1 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार
कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि अब शिवराज सरकार (Shivraj Government) हमारी इस जनहितैषी योजना से मध्यम वर्ग के लोगों को बाहर करने की तैयारी कर रही है। शिवराज सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है , कोरोना महामारी में पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मध्यमवर्गीय लोगों पर इस निर्णय से बड़ी मार पड़ेगी। सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे।हमारी सरकार ने लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा ग्रह ज्योति योजना (Indira Graha Jyoti Yojana) शुरू की थी, जिसमें100 रुपये में 100 यूनिट तक बिजली प्रदान करते हुए 150 यूनिट तक खर्च वाले उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया था।
शराब दुकानें बढ़ाने पर भी उठाए सवाल
वही कमलनाथ ने अगले ट्वीट मे मध्यप्रदेश में शराब दुकानें बढ़ाए जाने पर भी हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रदेश की शिवराज सरकार शराब (liqueur) प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है। यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे।
यह भी पढ़े… MP : 25 जनवरी से शुरु होगी रबी फसल की खरीदी, इस बार रहेगी पंजीयन की नई व्यवस्था
कमलनाथ ने आगे लिखा है कि मैं तो शुरू से ही कहता आया हूं कि मध्यप्रदेश में भले लोगों को राशन नहीं मिले लेकिन सरकार शराब जरूर उपलब्ध करा रही है।कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल ,आयोजन ,वैवाहिक कार्यक्रम बंद रहे ,कर्फ्यू लगा रहा लेकिन शराब की दुकाने देर रात तक चालू रही। कितना शर्मनाक है कि जो भाजपा चुनाव के पूर्व शराबबंदी की बात करती थी वो आज मध्य प्रदेश को शराब के दलदल में झोंकने की तैयारी कर रही हैं। अब जहरीली शराब के नाम पर शराब दुकानो को बढ़ाने की तैयारी की जा रही हैं।
आखिर कब नींद से जागेगी और कड़े कदम उठाएगी सरकार
आखिरी ट्वीट में कमलनाथ ने बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी को लेकर लिखा है कि मध्यप्रदेश (MP) में शिवराज सरकार में बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाएं निरंतर जारी है। बहन-बेटियां चाहती है सबसे पहले सुरक्षा लेकिन कभी पूजन व कभी उम्र के नाम पर गुमराह करने का काम जारी है। सीधी, खंडवा, उमरिया की वीभत्स घटनाओं के बाद अब बैतूल जिले की सारनी व इंदौर की घटना ने प्रदेश को किया शर्मशार।
यह भी पढ़े… MP News : स्कूल शिक्षा विभाग का अल्टीमेटम, शिक्षकों में हड़कंप
कमलनाथ ने आगे लिखा है कि जो विपक्ष में बैठकर बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर लंबे-चौड़े भाषण देकर धरने देते थे वो आज इन घटनाओं पर मौन ? पता नहीं कब नींद से जागेगी सरकार और बहन-बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर कड़े कदम उठायेगी ? ज़हरीली शराब की तरह ही बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं पर ज़िम्मेदार अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय हो।
नरोत्तम मिश्रा ने दिया करार जवाब
कमलनाथ के सवाल उठाने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर निशाना साधा है। मिश्रा ने लिखा है कि शराब दुकानों के बारे में एमपी कांग्रेस (MP Congress) दोमुंही बातें कर रही है। कमलनाथ सरकार ने हर 5 किमी की दूरी पर एक दुकान खोलने और ऑनलाइन (Online) शराब बेचने का निर्णय लिया था। व्यक्तिगत लाभ के लिए शराब इतनी महंगी कर दी कि अवैध शराब की बिक्री बढ़ गई। यदि यह गलत है तो कांग्रेस इसका खंडन करे।
नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि ग्रामीण इलाकों में दुकानें बढ़ाने का सुझाव इसलिए बेहतर है क्योंकि आबादी के अनुपात में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले मप्र में इनकी संख्या बहुत कम है। इस वजह से भी प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से अवैध शराब के परिवहन की संभावना बढ़ जाती है।
हमारी सरकार ने लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा ग्रह ज्योति योजना शुरू की थी ,जिसमें हमने 100 रुपये में 100 यूनिट तक बिजली प्रदान करते हुए 150 यूनिट तक खर्च वाले उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया था।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 20, 2021
अब शिवराज सरकार हमारी इस जनहितैषी योजना से मध्यम वर्ग के लोगों को बाहर करने की तैयारी कर रही है।शिवराज सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है , कोरोना महामारी में पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मध्यमवर्गीय लोगों पर इस निर्णय से बड़ी मार पड़ेगी।
सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 20, 2021