भोपाल। मीडिया में लगायार दिए जाने वाले विवादित बयानों के चलते सीएम कमलनाथ ने फैसला किया है कि अब केवल सात मंत्री ही मीडिया से रुबरु होंगें। इसके अलावा अन्य किसी मंत्री को मीडिया से बात करने की इजाजत नही होगी। बाकी 21 मंत्री मीडिया से कोई चर्चा नही करेंगें और ना ही सरकार की तरह से कोई पक्ष रखेंगें। वही सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने सवाल उठाए है। बीजेपी का कहना है कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है , सभी मंत्रियों को अपनी राय रखने का अधिकार है।
इस संबंध में मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने बताया है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस से चर्चा के लिए छह अन्य मंत्री को अधिकृत किया गया है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस से चर्चा के लिए शर्मा के अतिरिक्त संस्कृति एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, गृह मंत्री बाला बच्चन, उच्च शिक्षा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह एवं वित्त मंत्री तरूण भनोट को अधिकृत किया गया हैं। इसके अलावा कोई मंत्री मीडिया से रुबरु नही होंगें। रोक में अधिकतर मंत्री सिंधिया खेमे के है। खबर है कि मंत्रियों ने इस पर आपत्ति भी जताई है, हालांकि कोई खुलकर नही बोल रहा।वही बीजेपी ने मौका लपकते हुए सरकार का घेराव किया है। बीजेपी का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है, मंत्रियों को जनता के बीच अपने विचार रखने का पूरा अधिकार है।
बता दे कि बीते दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव ने प्रेस में एक बयान जारी कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भावांतर योजना बंद की जा रही है। इसके बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें फटकार लगाई थी और बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी पेश की थी। इस बयानबाजी के कारण जनता के बीच गलत मैसेज भी पहुंचा था।जिसको लेकर बीजेपी आक्रमण हो चली थी और आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली थी। वही हाल ही में पीडब्ल्यू मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने हेमा मालिनी पर टिप्पणी की थी और कहा था कि वोट के लिए बीजेपी हेमा मालिनी से डांस करवाती है। इसके लेकर भी खूब घमासान मचा था। मंत्रियों की ऐसी बयानबाजी से सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी, वही विपक्ष ने सड़कों पर उतर आई थी। फिलहाल माहौल कांग्रेस के फेवर में है और दो महिने बाद लोकसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में कमलनाथ सरकार कोई रिस्क नही लेना चाहती है, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है।
अब सिर्फ ये मंत्री करेंगें मीडिया से बात
-जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा
-संस्कृति एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुश्री विजयलक्ष्मी साधौ
-गृह मंत्री श्री बाला बच्चन
-उच्च शिक्षा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी
-लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे
-नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह
-वित्त मंत्री तरूण भनोट
इन मंत्रियों पर लगाई रोक
– सज्जन सिंह वर्मा
-हुकुम सिंह कराड़ा
-डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन
-आरिफ अकील
-बृजेंद्र सिंह राठौर
-प्रदीप जायसवाल
-लाखन सिंह यादव
-तुलसीराम सिलावट
-गोविंद सिंह राजपूत
-इमरती देवी
-ओंकार सिंह मरकाम
-डॉ. प्रभुराम चौधरी
-प्रियव्रत सिंह
– उमंग सिंघार
-हर्ष यादव
-कमलेश्वर पटेल
-लखन घनघोरिया
-महेंद्र सिंह सिसोदिया
-प्रद्युम्न सिंह तोमर
-सचिन सुभाष यादव
-सुरेंद्र सिंह बघेल