कमलनाथ का बड़ा बयान- मै चुप नहीं बैठूँगा, कोई FIR मुझे दबा नहीं सकती

Pooja Khodani
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पंचायत चुनाव

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP Politics) की सियासत में हलचल का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath)  के ‘आग लगा दो’ और चीनी कोरोना वेरिएंट को इंडियन कोरोना वेरिएंट बताने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सत्तापक्ष बीजेपी इसे लगातार मुद्दा बनाकर कमलनाथ की घेराबंदी कर रही है, यहां तक की कई थानों में FIR और कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से भी कार्रवाई की मांग कर चुकी है, ऐसे में अब अब कमलनाथ ने चुप्पी तोड़ी है और दो टूक शब्दों में कहा है कि मै चुप नहीं बैठूँगा, कोई FIR मुझे दबा नहीं सकती।

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दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान जारी कर कहा है कि  शिवराज सरकार (Shivraj Government) यही चाहती है इसीलिये वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये झूठे मुद्दे लाकर मेरी आवाज को दबाने का, मुझे डराने-झुकाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मेरे साथ प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता का स्नेह-प्रेम है।जिसके कारण मेरी आवाज को कोई दबा नहीं सकता है, मुझे कोई डरा-झुका नहीं सकता है।प्रदेश की जनता के हित की आवाज उठाने के लिए मुझ पर कितनी भी एफआईआर दर्ज कर लो , मुझे कोई डर नहीं लगता है।

कमलनाथ ने कहा कि मै चुप नहीं बैठूँगा, जनता के हक़ की आवाज़ उठाता रहूँगा, सरकार की पोल खोलता रहूँगा, वास्तविकता व सच्चाई जनता को बताते रहूँगा, अव्यवस्थाओं – ख़ामियों व विफलताओं को उजागर करते रहूँगा।शिवराज सरकार चाहती है कि मै चुप रहूँ, जनता की आवाज़ ना उठाऊँ, उनके हक़ की लड़ाई ना लड़ूँ लेकिन मै चुप नहीं बैठूँगा। जीवन की आख़री साँस तक जनता के हित की लड़ाई लड़ता रहूँगा, कोई FIR मुझे दबा नहीं सकती है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छुपाती रहे, मै सच्चाई उजागर ना करूँ और चुप रहूँ ? प्रदेश में लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिले, इलाज नहीं मिले और उनकी तड़प-तड़प कर मौत होती रहे और मैं चुप रहूँ ?

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कमलनाथ ने आगे कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो जाये, सरकार 16 वर्ष में प्रदेश में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगवा पाये और मैं चुप रहूँ ?प्रदेश में रेमड़ेसिविर इंजेक्शन व जीवन रक्षक दवाइयों की कमी से लोगों की जान जाती रहे, उसकी कालाबाजारी होती रहे और मैं चुप रहूँ ? प्रदेश के हज़ारों नागरिको की सरकार की लापरवाही, नाकारापन से मौत हो जाये, इसके दोषियों के ख़िलाफ़ मै कुछ ना बोलूँ और चुप रहूँ ?प्रदेश में टेस्टिंग कम हो , उसकी रिपोर्ट भी कई-कई दिन तक नहीं मिले, जनता परेशान होती रहे, भटकती रहे और मैं चुप रहूँ ?

ना डॉक्टर और ना दवाई और ना इलाज, मैं चुप रहूँ

कमलनाथ ने यही नहीं रुके और आगे कहा है कि  तमाम चेतावनियों के बावजूद प्रदेश में इलाज-बेड-ऑक्सीजन-इंजेक्शन की एक वर्ष की शिवराज सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण प्रदेश में हज़ारों बेगुनाह लोगों की मौत हो जाये और मै चुप रहूँ ? प्रदेश के लोगों को वैक्सिंग नहीं लगे, वो परेशान होती रहे, वैक्सीन के अभाव में संक्रमित होती रहे और मैं चुप रहूँ ? प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो जाये, लोगों को ना इलाज मिले, ना डॉक्टर और ना दवाई और उसके बावजूद मैं चुप रहूँ ? प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर मै कोई बात नहीं करूँ, मै बस चुप रहूँ ?

झूठी घोषणा कर जनता को कर रही गुमराह 

कमलनाथ ने दो टूक कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन जरूरतमंदों को नहीं मिले, उन्हें दर-दर भटकना पड़े , उनके आंसू बहते रहे और मैं चुप रहूँ ? मौत के बाद भी चैन नहीं ,ना शव वाहन मिले ,ना अंतिम संस्कार के लिए स्थान और ना लकड़ियां मिले , फिर भी मै चुप रहूँ ?हमारी बहन-बेटियाँ अस्पतालों में भी सुरक्षित नहीं , वहाँ भी उनके साथ दुराचार की घटनाएँ और मै चुप रहूँ ?सरकार द्वारा झूठी योजनाओं की घोषणाएँ कर जनता को गुमराह किया जाये और मैं उसकी सच्चाई जनता को ना बताऊँ ,चुप रहूँ ?

जनता भगवान भरोसे छोड़ चुनावों में लगी रहे, मैं चुप रहूँ

कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा कि मैं प्रदेश में सिर्फ़ सरकारी आँकड़ो वालों को ही नहीं अपितु कोरोना से मृत सभी लोगों को अनुग्रह राशि मिले और यह एक लाख की बजाय पाँच लाख मिले, यह माँग सरकार से नहीं करूँ और चुप रहूँ ?हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जनता को संकट के इस दौर में भगवान भरोसे छोड़ , ठोस कार्ययोजना बनाने की बजाय ,स्वास्थ्य आग्रह , मास्क लगाने ,शारीरिक दूरी का गोला बनाने जैसे नौटंकी भरे अभियान चलाये और मैं चुप रहूँ ?
शिवराज सरकार प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़ चुनावों में लगी रहे और मैं चुप रहूँ ?

बैठक, समीक्षा और वीडियो कांफ्रेंसिंग की नौटंकी 

कमलनाथ ने कहा कि संकट के भीषण दौर में हमारे मुखिया जिलो का दौरा करने व लोगों का दुःख दर्द जानने की बजाय, वल्लभ भवन में बैठकर बैठक, समीक्षा और वीडियो कांफ्रेंसिंग की नौटंकी करते रहे और मैं चुप रहूँ ? मै प्रदेश की जनता के हक की आवाज़ नहीं उठाऊँ, वो लूटती-पिटती रहे ,मौत के आग़ोश में समाती रहे ,उनकी लड़ाई नहीं लड़ूँ , सच नहीं बोलूं ,बस चुप रहूँ ? अन्याय ,अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाऊँ , बस चुप रहूँ ?

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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