भोपाल। मध्य प्रदेश में लोग खाने के बेहद शौक़ीन हैं और यहां अलग अलग शहरों के व्यंजन प्रसिद्ध हैं और शहरों की पहचान बने हुए हैं| अब सरकार इन व्यंजनों को देश भर में नई पहचान दिलाएगी| सरकार इन स्वादिष्ट डिशिश की ब्रांडिंग करेगी| विधानसभा में बजट पेश करते हुए कमलनाथ सरकार के वित्तमंत्री तरुण भनोट ने यह घोषणा की है|
सरकार प्रसिद्ध रतलामी सेव, मालवा के लड्डू-चूरमा, दाल बाफले, बुंदेलखंड की मावा जलेबी, मुरैना की गजक, भोपाल के बटुए, चंदेरी और महेश्वरी साड़ी की ब्रांडिंग करेगी। वित्त मंत्री तरुण भानोत ने बजट में यह घोषणा की। मध्यप्रदेश के खान-पान को दुनिया में नई पहचान दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। वित्त मंत्री तरुण भानोट ने बुधवार को सुबह 11 बजे बजट भाषण पेश किया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध वस्तुओं की ब्रांडिंग करने के लिए कमलनाथ सरकार जोर देगी। इनकी विदेशों तक में सप्लाई हो सके और प्रदेश का नाम हो सके इसके लिए मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध वस्तुओं की ब्रांडिंग की जाएगी। इनमें मालवा के लड्डू-चूरमा, मुरैना की गजक, बुंदेलखंड की मावा जलेबी शामिल हैं| वहीं चंदेरी और महेश्वर की प्रसिद्ध साड़ी की भी ब्रांडिंग होगी| संभावना जताई जा रही है इस फैसले इन खास आइटम्स की पहचान बढ़ेगी और इसका बाजार भी बढ़ेगा जिससे रोजगार और व्यापारियों की आय भी बढ़ेगी|
यह भी है बजट में ख़ास
-जबलपुर में नर्मदा नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाया जाएगा।
-डुमना नेचर सफारी का प्रावधान।
-छह माह में दो हजार किमी सड़क का निर्माण। सड़क के आसपास की शासकीय भूमि का उपयोग वित्त पोषण के लिए करने पर विचार।
-भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे का निर्माण।
-रीजनल कनेक्टिविट के लिए भारत सरकार के साथ एमओयू हुआ। दतिया, रीवा, उज्जैन और छिंदवाडा़ को वायुसेवा उपलब्ध होगी।
-प्रदेश में बिजली की समस्या भी गंभीर है।
-विद्युत वितरण कंपनियों को अधिक धन उपलब्ध कराना पड़ा है।
-14 हजार 89 मेगावाट की पूर्ति की गई।
-श्रमिकों के लिए नया सवेरा कार्यक्रम।
-छिंदवाड़ा में नवीन विश्विवद्यालय का निर्णय।
-झाबुआ में नवीन विश्वविद्यालय शुरू किया गया है।
-पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय। अल्पसंख्यक कल्याण के लिए भी हम प्रतिबद्ध है। 821 करोड़ का प्रावधान।
-आदिवासियों के एक लाख रुपए तक के ऋण माफ किए गए हैं।
-आदिवासियों के संरक्षण एवं उनके कुल के ग्राम के देवीदेवताओं के लिए मढ़िया, सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आष्ठान योजना प्रारंभ करने का निर्णय।
-कन्या विवाह एवं निकाह में सरकारी सहायता राशि 51 हजार रुपए किया है।
-अजाजजा के लिए छात्रवृत्ति, आवास एवं कौचिंग, विदेश के लिए आर्थिक अनुदान भी पर्याप्त प्रावधान प्रस्तावित है।
-अंतरराष्ट्रीय स्तर की फुटबाल अकेडमी, और स्वीमिंग अकादमी प्रस्तावित।
किसके लिए कितनी राशि का प्रावधान
-कुल विनियोग राशि 233605.89 करोड़ रुपए।
-शुद्ध व्यय 214085.02 करोड़ का प्रावधान।
-विनियोग की राशि मे 20% की वृद्धि हुई।
-पूंजीगत व्यय में 21% कई हुई वृध्दि।
-कृषि विभाग में 66% की हुई है वृध्दि।
-जयकिसान योजन के लिए 8 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान।
-गेहूं पर बोनस के 1600 करोड़ का प्रावधान।
-कृषि क्षेत्र में रोजगार के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
-पेंशन और कन्यादान योजना में बढ़ोतरी कर 2891 करोड़ किया गया।
-युवा स्वभिमान योजना में 330 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-लैंड मैनेजमेंट ऑथोरिटी बनाए जाने का प्रावधान।
-राइट टू वाटर के लिए 1 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान।
-स्वस्थ सेवाओं के लिए सुषेण संजीविनी योजना लागू की जाएगी।
-बजट में स्वस्थ के अधिकार को मिली जगह।
-अनुसूचित जनजाति के लिए 33467 करोड़ का प्रावधान।
-अनुसूचित जनजाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ किए जाएंगे।
-अनुसूचित जनजाति उपयोजन के लिए 22793 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-सड़क निर्माण एवं सिंचाई योजनाओं के लिए विशेष वित्तीय व्यवस्था।
-कृषि क्षेत्र को मिला 46559 करोड़ का बजट।
-जय किसान फसल रिन माफी योजना के लिए 8 हज़ार करोड़ का प्रावधान।
-प्रधनमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2201 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-उद्यानिकी विभाग के लिए 1116 करोड़ का प्रावधान।
-वन विभाग की योजनाओं के लिए 2757 करोड़ का प्रावधान।
-सहकारिता विभाग के लिए 2583 करोड़ का प्रावधान।
-पशुपालन विभाग की योजनाओं के लिए 1204 करोड़ का प्रावधान।
-पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिए 17186 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-नगरीय विकास एवं आवास के लिए 15665 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-स्मार्ट सिटी के लिए 300 करोड़ का प्रावधान।
-लोक निर्माण के लिए 9220 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-नर्मदा घाटी के लिए 3322 करोड़ का प्रावधान।
-सिंचसी परियोजना में पूंजीगत मद में 6877 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की योजनाओं के लिए 4366 करोड़ रुपए।
-स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 24499 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-तकनीकी शिक्षा के लिए 1666 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-आदिमजाति कल्याण विभाग के लिए 7492 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए 821 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-अनुसूचित जाती विभाग के लिए 1696 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-अनुसूचित जाति छात्रावास के लिए 294 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 7547 करोड़ रुपए।
-चिकित्सा शिक्षा के लिए 2309 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-आयुष विभाग के अंतर्गत 481 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत 5292 करोड़ रुपए।
-ऊर्जा क्षेत्र के अंतर्गत 9888 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में 1012 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत 1121 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-संस्कृति विभाग को 226 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-पर्यटन विभाग को 229 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-सामाजिक न्याय एवं नि:शक्जन कल्याण विभाग के अंतर्गत 2891 करोड़ का प्रावधान।
-गृह विभाग की योजनाओं के लिए 7634 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-केंद्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र के लिए 122 करोड़ रुपए का प्रावधान।
-विधि एवं वुधायी कार्य विभाग के अंतर्गत 2210 करोड़ रुपए का प्रावधान।