भोपाल| केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट पेश किया| चुनावी वर्ष होने के कारण जहां यह अंतरिम बजट रहा, वहीं कई लोकलुभावन घोषणाएं भी इसमें की गईं| बजट में किसानों, कामगारों, मध्यमवर्गियों को साधने की कोशिश करते हुए ऐलान किये गए हैं| बजट को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है| भाजपा ने जहां ऐतिहासिक बताया वहीं, विपक्षियों का कहना है कि यह चुनावी बजट है। किसानों और मजदूरों को लालीपाप देकर हर बार की तरह इस बार भी छलावा किया गया है। मध्य प्रदेश की राजनीति में भी बजट को लेकर चर्चा जोरो पर है| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बजट की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर अपने पुराने वादों को ही पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है|
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा इस बजट को चुनावी जुमला करार देते हुए कहा कि मेरा बुनियादी प्रश्न यही है कि जो घोषणाएं आज की है| वह अपने साढ़े चार के कार्यकाल में क्यों नहीं की गई, यह चुनावी जुमला ही है| पहले तो मोदी सरकार हिसाब दें जवाब दें 15 लाख रुपए जो हर खाते में आने थे उनका क्या हुआ| जो नौजवानों को 2 करोड़ रोजगार हर साल देने की बात कही थी उसका जवाब दें|
बजट में छोटे एवं सीमांत किसानों को निश्चित आय उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि शुरू करने की घोषणा की है| जिसके तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले छोटे किसानों को सालाना 6 हजार रुपये खाते में डाले जाएंगे| इस घोषणा को लेकर सीएम कमलनाथ ने कहा कि 6 हजार सालाना, मतलब 17 रुपए प्रतिदिन दिया जाएगा, यह किसानों के साथ मजाक है अपमान है| वहीं पेंशन की घोषणा को लेकर भी कहा यह लोगों के लिए घाटे का सौदा है| उन्होंने कहा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार को राम की याद आ रही है, किसानों की याद आ रही है| जबकि इनको नौजवानों की फ़िक्र नहीं है| विश्व में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हमारे देश में इस समय है, यह रिपोर्ट भी सामने आई है| फिर भी युवाओं को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया|