भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार का वर्ष 2,019-20 का आम बजट प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बजट को लेकर काफी संजीदा है और उनका साफ तौर पर मानना है कि इस बजट के माध्यम से आंकड़ों की बाजीगरी से परे विकास अब हकीकत में दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में उनके मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती न केवल अर्थव्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं बल्कि हर विभाग की बारीक से बारीक स्कूटनी कर परिणाम मूलक योजनाओं को अंतिम रूप देने में तेजी से जुड़ गए हैं।
दरअसल सबसे बङी चुनौती प्रदेश को वित्तीय बदहाली से उभारना और सीमित राजस्व संसाधनो के बल पर आगे की कार्ययोजना बनाना है। मुख्य सचिव मोहंती के निर्देशन में अधिकारी विभाग दर विभाग समीक्षा कर बजट को अंतिम रूप देने में लगे हैं।
शायद पहला मौका है जब सरकार सभी गैर जरूरी योजनाओं को समाप्त कर केवल और केवल हर वर्ग के लिए लाभकारी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा बजट आवंटित करने पर फोकस कर रही है। सरकार का मुख्य फोकस किसान, मजदूर ,महिलाएं और युवा हैं और आने वाले बजट में इन वर्गों के लिए वास्तविकता के धरातल पर खरी उतरने वाली योजनाएं दिखेगी। खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाए और कैसे किसान ऋण जाल से मुक्त हो पाए, बजट में ऐसी समाधान कारी योजनाओं का भी जिक्र हो सकता है।
पिछले 15 सालों में इन्वेस्टर मीट के नाम पर प्रदेश में नाम मात्र की निवेश को लेकर सरकार चिंतित है और इस बार युवा रोजगार के लिए इन्वेस्टर्स को कैसे मध्यप्रदेश में लाया जाए इसको लेकर नई नीतियां बजट में आकार ले सकती हैं। महिला अपराधों के कारण देशभर में बदनाम हो चुके मध्य प्रदेश की इस तस्वीर को बदलने के लिए महिला सशक्तिकरण की प्रभावी कार्य योजना बजट में साफ तौर पर दिखेगी। साथ ही हर हाथ को काम और सम्मान के साथ जीवन यापन का अधिकार यह भी इस बजट में दिख सकता है।
मुख्य सचिव की बजट को रिजल्ट ओरियेन्टेड बनाने की इस कवायद मे जुटे है और उनकी टीम मे अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन के साथ साथ राजस्व जुटाने मे अहम भूमिका निभाने वाले महकमो की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप मुख्य सचिव का साफ तौर पर मानना है कि बजट में जिस विभाग को जितनी भी राशि का आवंटन किया जाएगा शत-प्रतिशत उसे जनहित में कार्य रूप में परिणत हुआ दिखना भी चाहिए।