Bael Juice Benefits: गर्मी का मौसम आते ही ठंडी और स्वस्थ चीजों की तलाश शुरू हो जाती है। ऐसे में बेल का जूस एक बेहतरीन विकल्प है। स्वादिष्ट होने के साथ ही बेल का जूस कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। बेल का जूस एक स्वादिष्ट और ताज़ा पेय है जो गर्मियों में पीने के लिए एकदम सही है। यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। बेल का जूस विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। यह पाचन में सुधार करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।
बेल का जूस पीने के क्या-क्या फायदे होते हैं
वेट लॉस: बेल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और भूख कम करता है। यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: बेल में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। यह जुकाम और फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
पाचन: बेल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
हृदय स्वास्थ्य: बेल में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है।
त्वचा: बेल में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाते हैं। यह मुंहासों और झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है।
मधुमेह: बेल में शर्करा की मात्रा कम होती है और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
कैसे बनाएं बेल का जूस
सामग्री:
1 बेल का फल, छिलका और बीज निकालकर
2 कप पानी
1/2 कप चीनी या स्वादानुसार
1/4 छोटा चम्मच नींबू का रस (वैकल्पिक)
बर्फ के टुकड़े
निर्देश:
1. बेल के गूदे को ब्लेंडर में डालें और चिकना होने तक ब्लेंड करें।
2. पानी, चीनी और नींबू का रस (यदि उपयोग कर रहे हैं) डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
3. बर्फ के टुकड़ों के साथ ठंडा परोसें।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।