आजीविका मिशन के विवादित सीईओ ललित मोहन बेलवाल ने दिया इस्तीफा, भ्रष्टाचार के दर्जनों आरोप से घिरे

Lalit Mohan Belwal

Lalit Mohan Belwal resigned : पिछले पांच सालों से विवादों में चल रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया हैं। जानकारी के मुताबिक बेलवाल के खिलाफ चुनाव आयोग में बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने की दर्जनों शिकायतें पहुंची हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग ने उनके बारे में संबंध में विभाग से जांच कर प्रतिवेदन मांगा था और यह निश्चित हो चुका था कि उनके ऊपर बड़ी कार्रवाई होने वाली है। बताया जा रहा है कि इस बात की भनक लगते ही बेलवाल ने इस्तीफा दे दिया है।

अब भी लटकी है तलवार

ललित मोहन बेलवाल ने इस्तीफा भले ही दे दिया हो लेकिन उनके ऊपर पुलिस कार्रवाई की तलवार लगातार लटक रही है। करीब डेढ़ साल पहले मध्य प्रदेश की सबसे ईमानदार आईएएस कही जाने वाली नेहा मारव्या द्वारा बेलवाल की शिकायतों पर जांच की गई थी और इन्हें सत्य पाया गया था। उसके बाद  उनके विरुद्ध कई आपराधिक धाराओं में जेल भेजने की कार्रवाई प्रस्तावित कर दी गई है। बता दें कि दिग्विजय सिंह भी सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर ललित मोहन बेलवाल द्वारा पद के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं और उनपर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसी के साथ कांग्रेस लोकायुक्त से भी उनकी शिकायत कर चुकी है।

एक दर्जन भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे

इसे लेकर सोशल एक्टिविस्ट भूपेंद्र प्रजापति ने बताया की ये सत्य बात है कि आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं के हाथ में ज्यादा कुछ नहीं लग पाया है और आजीविका मिशन के माध्यम से मिलने वाली करोड़ों की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। आजीविका मिशन के भ्रष्ट अफसर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल पिछले  12 वर्षों यहां कार्यरत हैं और उनके द्वारा आजीविका मिशन एवं आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं का राजनीतिकारण करने का बहुत बड़ा फायदा उन्हें मिला। यही कारण है कि रिटायरमेंट के बाद भी वो आजीविका मिशन के सीईओ बने रहे। भूपेंद्र प्रजापति ने कहा कि हम उन्हें भ्रष्ट इसलिए भी कह रहे है क्योंकि यह सफेदपोश अफसर और एक अन्य संविदा अधिकारी सुषमा शुक्ला के ऊपर भ्रष्टाचार के एक मामले में आपराधिक धारा 120B, 420, 464, 465, 467, 468, 571, 472 में कार्रवाई प्रस्तावित की गई है और अगर सरकार बदलती है तो इनका जेल जाना तय माना जा रहा है।

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News