CM शिव के शिविर में पहुंचे लक्ष्मण, यह रिश्ता क्या कहलाता है!

Virendra Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री CM शिवराज सिंह चौहान के स्वास्थ्य आग्रह कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह की उपस्थिति में प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। दरअसल कोरोना के प्रति लोगों को जागृत करने के लिए CM शिवराज मंगलवार को मिंटो हॉल के पास गांधी प्रतिमा के नजदीक 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह कर रहे हैं और उसी दौरान कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह का वहां पहुंचना राजनीतिक पंडितों के लिए कौतूहल का विषय बन गया

Chief Minister शिवराज का 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह मंगलवार को गांधी प्रतिमा के पास

मध्य प्रदेश में कोरोना के तेजी के साथ बढ़ रहा है। जहां फरवरी के तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमितो की संख्या लगभग डेढ़ हजार थी वहीं अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह लगभग 25000 पहुंच गई। भयावह तरीके से बढते कोरोना को नियंत्रित करने की लगाम अब खुद मुख्यमंत्री CM शिवराज सिंह चौहान ने संभाली है। दो दिन के भीतर उन्होंने तीन बड़े कार्यक्रम किये है। पहला उन्होंने ‘मास्क नहीं तो बात नहीं’ अभियान की शुरुआत की जिसके तहत उन्होंने लोगों को खुद परिवार सहित मास्क लगाने और दूसरों को प्रेरित करने के लिए कहा। दूसरा कोरोना वॉलंटियर्स बनाना और तीसरा 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह। गांधी प्रतिमा के नजदीक 12.30 बजे मंगलवार को CM शिवराज 24 घंटे के लिए स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे। इसी दौरान वहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह पहुंच गए। बस फिर क्या था राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। हर किसी की निगाह लक्ष्मण सिंह पर थी कि आखिर वे किस वजह से इस कार्यक्रम में पहुंचे हैं। हालांकि लक्ष्मण ने साफ किया कि वे दो समस्याओं को लेकर CM शिवराज से मिलने आए थे। पहली, उनके क्षेत्र में पानी की समस्या और दूसरी कोरोना वैक्सीन को लेकर आ रही कमी को दूर करने की बात करना। उन्होंने यह भी कहा कि खुले में बातचीत करना ज्यादा ठीक रहता है और इसलिए वे वहां पहुंचे हैं।

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लक्ष्मण ने जितनी सहजता के साथ यह बयान दिया इतनी सहजता से यह राजनीतिक गलियारों में पचा नहीं। सरकार की जमकर आलोचना करने वाले राज्यसभा सांसद अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह के साथ लक्ष्मण के रिश्ते पिछले कुछ दिनों से अनमने से है। कमलनाथ के प्रति उनकी नाराजगी तो जगजाहिर होती रही है। लक्ष्मण साफगोई बात करने वाले वे नेता माने जाते हैं जो खुलकर कभी अपनी ही पार्टी की आलोचना कर देते है। राहुल गांधी के दस दिन में दो लाख रूपये किसान कर्ज माफी योजना के वादे को भी उन्होंने अव्यावहारिक कहकर सार्वजनिक रुप से विरोध जताया था। लक्ष्मण की पीड़ा यह भी रही कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उनकी वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए उनसे कई जूनियर नेताओं को मंत्री पद से नवाज दिया गया जिसमें उनके भतीजे जयवर्धन भी शामिल थे। इतना ही नहीं अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कमलनाथ सरकार के समय लक्ष्मण सिंह पदयात्रा भी निकाल चुके हैं। राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो भी कई बार बीजेपी से सांसद रहे हैं। इस समय मध्यप्रदेश में दमोह में उपचुनाव होना है और कांग्रेस और बीजेपी दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में यदि कांग्रेस का कोई विधायक के मुख्यमंत्री CM के कार्यक्रम में जाता है और इसे भले ही एक दलगत राजनीति से ऊपर कार्यक्रम बताया जाए तो फिर जाहिर सी बात है कि राजनीति में हलचल तो बचेगी ही।

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दिलचस्प बात यह है कि जिस कार्यक्रम में लक्ष्मण सिंह पहुंचे उस कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नौटंकी करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा था मुद्दों से  ध्यान मोड़ने के लिए CM शिवराज  24 घंटे के लिए मिंटो हाल में स्वास्थ्य आग्रह पर बैठ रहे है ? पता नहीं इस 24 घंटे के आग्रह की नौटंकी से प्रदेश से कोरोना कैसा भागेगा, लोगों को न्याय कैसे मिलेगा , इलाज कैसे मिलेगा , बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं कैसे सुधरेंगी , संक्रमण कैसे कम होगा , यह तो CM शिवराज ही बता सकते हैं ?

 


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