भोपाल। भारी भरकम घोषणाओं को पूरा करने के लिए सरकार के लिए खाली खजाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है| राजस्व घाटे की पूर्ती के लिए सरकार शराब महंगी कर सकती है| इसके लिए लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी की जा सकती है| लइसेंस नवीनीकरण शुल्क पांच फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है| इस बढ़ोतरी से 500 से 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी संभावित है।
इससे पहले 2018-19 में शराब दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 15 फीसदी फीस बढ़ाकर किया था। इससे इस वित्तीय वर्ष में करीब नौ हजार करोड़ रुपए की आय मिलने का अनुमान लगाया गया है। अभी तक आबकारी से सरकार को पांच हजार 861 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। राजस्व घाटे पूर्ती के उद्देश्य से आबकारी से होने वाली आय को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसमें शराब दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण की फीस में 15 की जगह 20 फीसदी वृद्धि की जा सकती है। इससे पांच सौ से छह सौ करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय का अनुमान लगाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में इस बार अभी तब लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का राजस्व घाटा चल रहा है। आय के स्रोत से वसूली तय लक्ष्य से कम चल रही है। जिसके चलते ऐसा कदम उठाये जाने की तैयारी है| क्यूंकि कर्जमाफी जैसे वचन को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त धन की कमी है, वहीं प्रदेश पहले से ही कर्जे में है| विकास कार्यों को पूरा करने के लिए खजाने की हालत सुधरने की बड़ी आवश्यकता है| जिसके चलते कर बढ़ोतरी जैसे कदम उठाने की जरुरत पड़ेगी| हालाँकि आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ बढे सरकार फिलहाल ऐसे फैसले से कतरा रही है|