भोपाल| ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने प्रदेश में हो रही बिजली कटौती के पीछे भाजपा की साजिश बताया है। बताया गया कि मंत्री तक इंटेलीजेंस के माध्यम से बिजली कंपनी के अफसरों की कथित रिपोर्ट पहुंची है। जिसमें ऐसे अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जो जिले एवं संभाग में बिजली आपूर्ति का काम देख रहे हैं। इन अफसरों के भाजपा नेताओं से क्या रिश्ता रहा है, यह भी बताया गया है।
रिपोर्ट में ग्वालियर संभाग के डीजीएम अरुण शर्मा एवं विनोद कटारे को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नजदीकी बताया है। छतरपुर में 15 साल से पदस्थ राजेश खरे के नाम भी रिपोर्ट में शामिल है। टीकमगढ़ में पदस्थ कार्यालय अभियंता विकास सिंह एवं एलपी खटीक को भाजपा समर्थक बताया है। सिंगरौली में पदस्थ ईई गंगा प्रसाद तिवारी एवं एसई सचिन चंद्रा को भाजपा समर्थक बताया है। रिपोर्ट में इनके बारे में लिखा है कि ये कर्मचारियों से मोदी सरकार बनाने की बात करते हैं और भाजपा प्रत्याशी रिति पाठक का प्रचार कर रहे हैं। रीवा में पदस्थ प्रवीण कुमार वर्मा भाजपा नेता के रिश्तेदार हैं। हेमंत चौध्ररी भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ल के करीबी है। झाबुओ में पदस्थ ईई नितिन चौहान जयस संगठन से जुड़े हैं और भाजपा प्रत्याशी जीएस डामौर के पुत्र वरुण डामौर जो बिजली कंपनी में पदस्थ हैं के मित्र हैं। इसी तरह रतलाम, नीमच, जबलपुर, उज्जैन एवं अन्य जिलों में पदस्थ बिजली अफसरों के नाम भी कथित रिपोर्ट में है। हालांकि ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
492 अधिकारियों-कर्मचारियों पर गिरी गाज
प्रदेश में बिजली सप्लाई में लापरवाही एवं अनियमितता करने वाले कर्मचारी अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है| अब तक 492 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रदाय में अनियमितता पर 165 अधिकारी-कर्मचारी को निलंबित, 87 को कारण बताओ नोटिस और 240 की सेवा समाप्त की गई हैं। निलंबितों में चार कार्यपालन अभियंता, 10 सहायक अभियंता, 35 कनिष्ठ अभियंता और 116 लाइनमैन शामिल हैं।