भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है। इस एक साल में भाजपा की ओर से कई बार दावा किया गया कि कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। पूर्व सीएम शिवराज ने तो लंगड़ी सरकार तक कह दिया था। हालांकि, बाद में पार्टी नेताओं के सूर उस समय बदले जब झाबुआ उप चुनाव में भाजपा की हार हुई। लेकिन अब एक नया संकट कांग्रेस सरकार के सामने है। विधानसभा में सरकार का गणत बिगड़ता दिख रहा है।
दरअसल, राज्य में 230 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 का है। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास बसपा और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कुल विधायकों की संख्या 121 है। जिसमें कांग्रेस के 114, समाजवादी पार्टी का एक, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक और निर्दलीय चार विधायक शामिल हैं। बसपा प्रमुख द्वारा पार्टी विधायक रामबाई को निलंबित करने के बाद अब यह आंकड़ा 120 हो गया है। वहीं, राज्य में बीजेपी के पास 108 विधायक हैं। ऐसे में अगर बीजेपी कुछ अन्य विधायकों का समर्थन लेने में सफल हो जाती है तो यह राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। हाल ही में कांग्रेस के एक विधायक का निधन हो जाने से पार्टी को झटका लगा था। अब एक और चुनौती पार्टी के सामने है।
गौरतलब है कि प्रदेश के पथरिया से बहुजन समाज पार्टी (BSP) की विधायक रामबाई परिहार ने पार्टी लाइन से अलग जाते हुए नागरिकता कानून का समर्थन किया था। रामबाई की पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। BSP सुप्रीमो मायावती ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। अपने निलंबन से घबराई रामबाई के अब तेवर बद गए हैं। उन्होंने अपना बयान वापस लेते हुए सपा प्रमुख से माफी भी मांगी है।