भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Coronavirus) के कारण बंद पड़े स्कूलों (School) और छात्रों (Student) की पढ़ाई के प्रभावित होने के बाद बेहतर शिक्षा को लेकर मप्र शासन (MP Government) नित नए प्रयास कर रहा है। मप्र शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) की गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) पर फोकस किया जा रहा है। इसी के चलते राज्य शासन द्वारा टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है, जिसकी आज बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में मंत्रालय में पहली बैठक वर्चुअली कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई।
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बैठक में इंदर सिंह परमार ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई वर्षो के अध्ययन, चिंतन और विभिन्न शिक्षाविदों के साथ मंथन उपरांत तैयार की गई है। इसके उद्देश्यों के अनुरूप क्रियान्वयन हम सभी की जिम्मेदारी है। इंदर सिंह परमार ने कहा किआप सभी के प्राप्त सुझावों के आधार पर क्रियान्वयन की योजना और प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी। इसके लिए सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को अच्छे से अध्ययन करें, ड्राफ्ट के बारे अपने विद्यालय (School), मोहल्ले, समाज के नागरिकों, शिक्षाविदों आदि से चर्चा करें और अपने महत्वपूर्ण सुझाव टास्क फोर्स की बैठकों में प्रस्तुत करें।
आपको बता दे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू करने एवं स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए सुझाव और मार्गदर्शन के लिए राज्य शासन द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है।बैठक में प्रारंभिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, शिक्षक शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा कॉम्प्लेक्स, बुनियादी और आधारभूत शिक्षा, डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा आदि विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने सभी उपयुक्त सुझावों को उपसमितियों के माध्यम से पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
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टास्क फोर्स में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को सदस्य सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण और आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र संचालक को सदस्य, सचिव मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board of Secondary Education), संचालक मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (MP State Board of Free School Education) और निदेशक महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान को पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।