उज्जैन| देश भर में आज महाशिवरात्रि का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है| सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है| सुबह की महाआरती के बाद मंदिरों के पट भक्तों के लिए खुल गए हैं। भगवान शिव और पार्वती के विवाह के अवसर पर मनाये जाने वाले महाशिवरात्रि पर्व को लेकर देशभर के विभिन्न मंदिरों में पूजन अर्चना का दौर जारी है| महाशिवरात्रि को लेकर जगह-जगह शिव की झांकियां और बारात निकाली जा रही है, जिसमें लोग तरह-तरह की वेशभूषा धारण करे हुए हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस साल महाशिवरात्रि सोमवार को है। मध्यप्रदेश में उज्जैन स्थिति महाकाल और खंडवा स्थिति ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए देर रात से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। जिनमें से दो मध्यप्रदेश में हैं।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है| रविवार मध्यरात्रि 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद भस्मारती हुई। तड़के चार बजे से आम दर्शन का सिलसिला आरंभ हो गया और यह क्रम मंगलवार रात 11 बजे तक चलेगा। करीब 43 घंटे में हजारों भक्त राजाधिराज के दर्शन कर सकेंगे। बाबा महाकाल भक्तों के आने का सिलसिला रविवार शाम से ही शुरू हो गया था। महाकाल दर्शन के लिए भक्त रात से ही कतार में लग गए थे। वहीं महाकाल मंदिर परिसर आकर्षक रोशनी से जगमगा उठा है। महाशिवरात्रि पर कम से कम समय में श्रद्धालुओं को बगैर असुविधा के दर्शन कराना प्रशासन और पुलिस की पहली प्राथमिकता है। मंदिर के भीतर और बाहर दोनों तरफ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गए हैं| महाशिवरात्रि पर सोमवार को लाखों भक्त बाराती बनकर महाकाल मंदिर में शिव विवाह उत्सव में शामिल होते हैं। महाशिवरात्रि के दिन राजाधिराज बाबा महाकाल दिनभर श्रद्धालुओं को देंगे। 5 मार्च को तड़के 4 बजे वाली होने भस्म आरती दोपहर में 12 बजे होगी। महाशिवरात्रि पर करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं। ऐसे भस्म आरती हर रोज सुबह 4 बजे से शुरू होती है।
भस्म आरती से होती है हार मनोकामनाएं
आज प्रात: 3 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई| इससे पहले बाबा को पंचामृत अर्थात दूध, दही, घी, शकर व शहद से नहलाया गया| तत्पष्चात चंदन का लेपन कर सुगन्धित द्रव्य चढ़ाए गए| बाबा की प्रिय विजया (भांग) से भी उन्हें श्रृंगारित किया गया. इसके पष्चात बाबा को श्वेत वस्त्र ओढ़ाया गया और फिर बाबा को भस्म रमाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. भसिमभूत होने के बाद ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई| उज्जैन में भगवान शिव भूतभावन महाकाल रूप में विराजित हैं| बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केवल यही ज्योतिर्लिंग है, जिसकी मुद्रा दक्षिणमुखी है. पूरी तरह से भगवान महाकालेश्वर के रंग में रंगे इस शहर की सुबह-शाम ऐसी लगती है, मानो स्वयं विधाता ने इसे अमृत की बूंदों से नहलाकर सजाया संवारा हो और यही वे बाबा महाकाल हैं जिन पर नित्य भस्म चढ़ार्इ जाती है| महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती देखने का विशेष महत्त्व है, जिसका लाभ लेने के लिए शिवभक्त दूर दूर से यहां पहुँचते हैं|
वीडियो में कीजिये महाकाल के दर्शन …