Delhi Excise Policy Case : दिल्ली के आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। उन्हें कोर्ट ने सात दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। शुक्रवार 10 मार्च को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सुनवाई के दौरान सिसोदिया की 10 दिनों की हिरासत मांगते हुए कहा कि शराब नीति तैयार करने के पीछ साज़िश थी। वहीं सीबीआई की गिरफ्तारी के मामले में जमानत याचिका 21 मार्च तक के लिए टाल दी गई है।
जमानत याचिका पर सुनवाई टली
CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष यादव की बेल एप्लीकेशन पर अब 21 मार्च दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया था और फिर 26 फरवरी को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद 9 मार्च को तिहाड़ में इसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले 8 घंटों की पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में ईडी ने पिछले साल 22 अगस्त को मामला दर्ज किया था जिसमें करीब 6 महीने के बाद गुरूवार को उनकी गिरफ्तारी की गई।
7 दिन की ED रिमांड पर सिसोदिया
इस मामले में अदालत में ईडी का पक्ष एडवोकेट जोहेब हुसैन ने रखा। उन्होने अपनी दलील में कहा कि कहने के लिए तो शराब नीति का फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का बताया जा रहा है लेकिन इस मामले में एक व्यक्ति के सिवा किसी को इसकी जानकारी नहीं थी। दावा किया गया कि शराब नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी और नियमों में फेरबदल कर कुछ विशेष लोगों को 6 फीसदी की जगह 12 फीसदी लाभ पहुंचाया गया। सिसोदिया पर आरोप लगा कि उन्होने इसके डिजिटल सबूत भी मिटा दिए हैं। वहीं दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक चुनी हुई सरकार ने ये नीति बनानई है जो कई परतों से गुजरती है। सरकार, अधिकारियों, फाइनेंस व लॉ सेक्रेटरी के साथ ये पॉलिसी उप राज्यपाल के पास भी जाती है। उन्होने कहा कि एलजी यानी केंद्र सरकार। इसी के साथ उन्होने कहा कि ईडी जल्दबाजी में बात कर रही है। वहीं ईडी ने अपनी दलील रखते हुए सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत मांगी थी। अदालत ने उन्हें 10 मार्च को 7 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।