भोपाल। इन दिनों कमलनाथ कैबिनेट में अंदर के हालात कुछ ठीक नही है। सरकार बनने के छह महिने बीत जाने के बावजूद अफसरों और मंत्रियों में ठनी हुई है। सीएम के सामने कई बार मंत्री यह बात खुलकर कह चुके है कि अफसर उनकी सुनते नही। विधायकों द्वारा भी कई बार इसकी शिकायत सीएम के पास पहुंची है लेकिन अब इसको लेकर विवाद बढ़ने लगा है। बुधवार को फिर कैबिनेट में मंत्रियों ने अफसरों पर जमकर नारजगी जाहिर की और अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाया ।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ. विजय लक्ष्मी साधौ का कहना था कि अफसरों को विभाग में संचालित हो रही योजनाओं या प्रमुख निर्णयों की जानकारी उन्हें देना चाहिए, जो नहीं दी जाती।खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का कहना था कि विभाग का सर्वेसर्वा जब मंत्री है तो अफसर जानकारियां उनके संज्ञान में क्यों नहीं लाते, बायपास कर क्यों जानकारी सीधे मुख्य सचिव को भेजी जाती है। वही श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि उनके विभाग में शुरू से ही ऐसे अफसर पदस्थ किए गए, जाे काम करने के बजाय उसे अटकाने में ज्यादा भूमिका निभाते है। इस व्यवस्था में सुधार होना चाहिए।प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी इसका समर्थन किया।
मंत्रियों की इन आपत्तियों पर सामान्य प्रशासन मंत्री डाॅ. गोविंद सिंह ने व्यवस्था दी कि आगे इस बात का ध्यान रखा जाए कि मंत्रियों के संज्ञान में लाने के बाद ही प्रस्ताव कैबिनेट में भेजे जाएं। यह गलत है। मुख्यमंत्री अफसरों को निर्देशित करें कि इस तरह की गलती आगे न हो।