भोपाल।
मंगलवार को कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार भले ही हो गया हो लेकिन विभागों का बंटवारा अब तक नही हो पाया है। विभागों को लेकर अब भी पार्टी में माथापच्ची जारी है और फैसला नही हो पा रहा है कि किसे कौन सा विभाग दिया जाए। खबर है कि तीन विभागों ( वित्त, गृह और परिवहन) को लेकर सांसद सिंधिया, मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय में मामला उलझ कर रह गया है। अब ये मामला दिल्ली दरबार में पार्टी आलाकमान के पास पहुंच गया है।
दरअसल, बुधवार को पहली कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, इसमें नवनिर्वाचित मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होना था। बैठक में दूसरे तमाम मसलों पर चर्चा हुई , लेकिन विभाग बंटवारे को लेकर कोई बात नही बन पाई। सुबह से लेकर रात तक कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच वित्त, गृह और परिवहन विभाग को लेकर मामला फंसा रहा, लेकिन कोई हल नही निकला। सिंधिया ने इस मसले पर पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से भी बात की। असल में ये पेंच गृह विभाग को लेकर अटका है। नाथ जहां बाला बच्चन को ये विभाग देना चाहते हैं तो सिंधिया गृह और परिवहन तुलसी सिलावट को दिलवाने पर अड़े हैं। दिग्विजय वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर डॉ. गोविंद सिंह को गृह के लिए योग्य मान रहे हैं। साथ ही बेटे जयवर्धन को वित्त दिलाना चाहते हैं। अब ये मामला दिल्ली दरबार में पार्टी हाईकमान के पास भेजा गया है, खबर है कि अब राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद ही विभागों को बंटवारा हो पाएगा। अंतिम मोहर राहुल गांधी ही लगाएंगें। जब तक मंत्रियों को इंतजार करना होगा।
इनको मिल सकता है ये विभाग
सूत्रों की मानें तो जयवर्धन को वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। चुंकी जयवर्धन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से माइक्रो फाइनेंस में एमबीए किया है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि वित्त विभाग सीएम कमलनाथ अपने पास रख सकते हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी बाला बच्चन को दी जा सकती है। वही सज्जन सिंह वर्मा और तरुण भनोत के बीच नगरीय प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभागों का बंटवारा हो सकता है। गोविंद सिंह को राजस्व, उमंग सिंघार को वन, जीतू पटवारी को युवा एवं खेल मंत्रालय, ओंकार मरकाम को आदिम जाति कल्याण और हर्ष यादव को नवकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय दिया जा सकता है। विजयलक्ष्मी साधौ को महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
जयवर्धन यंग मिनिस्टर, सबसे बुजुर्ग पीसी शर्मा
कमलनाथ मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को मौक़ा मिला है। वर्ष 2013 में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 23 सदस्यों का मंत्रिमंडल बनाया था, जिसमें चार राज्यमंत्री थे। इस मंत्रिमंडल की औसत उम्र 60 वर्ष थी। कमलनाथ सरकार के 28 मंत्रियों की औसत उम्र 52 साल है। इसमें उल्लेखनीय यह है कि दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह सिर्फ 32 वर्ष के और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव महज 36 वर्ष के हैं। दोनों दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वहीं 2013 में जब शिवराज सिंह ने 23 सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया था, तब 84 साल के बाबूलाल गौर और 73 साल के सरताज सिंह सबसे बुजुर्ग मंत्री बने थे। सबसे कम 47 साल के लालसिंह आर्य और 49 वर्ष के सुरेंद्र पटवा युवा मंत्री थे।