दरअसल, मुरैना कलेक्टर बी. कार्तिकेयन (Morena Collector B. Karthikeyan) ने शुक्रवार को नवीन कलेक्ट्रेट के सभागार में समग्र शिक्षा अभियान (Samagr Shiksha Abhiyaan) की समीक्षा बैठक की और शिक्षकों को निर्देश दिए कि बोर्ड परीक्षाओं के लिये दो माह का समय शेष है, इन दो माहों में शिक्षक नैतिक दायित्वों का निर्वहन करें और छात्रों (Student) को अच्छी शिक्षा (Education) ग्रहण करायें, जिससे आने वाली बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) में बच्चे अच्छा परफार्मेंस प्रस्तुत कर जिले का नाम प्रदेश की सूची में टॉप-5 में पहुंचे। शिक्षक शिक्षा कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने शिक्षा से जुड़े अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा है कि बोर्ड परीक्षायें नजदीक है, कोरोना काल में पिछली मार्च से शिक्षकों ने छात्रों को किसी भी प्रकार का अध्यापन कार्य नहीं कराया है, क्योंकि स्कूल बंद थे। बहुत कम छात्रों ने ऑनलाइन (Online) जुड़ने के बाद कहीं तैयारियां जरूर की होंगी, किन्तु अब स्कूल खुल चुके है। दो माह में बच्चों को इस प्रकार की तैयारियां करायें कि बच्चे उत्कृष्ट होकर प्रदेश में मुरैना का नाम रोशन करें।
कलेक्टर कार्तिकेयन ने कहा है कि जिले में 64 जनशिक्षा केन्द्र है, माध्यमिक विद्यालय 259 है। जिसमें से प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1537 है। जिसमें कुल स्टाफ 7 हजार 52 है। इसको देखते हुये अधिकतर स्टाफ पूर्ण है, जहां कहीं भी विषयवार शिक्षक कम होंगे, वहां अतिथि शिक्षक रखने का भी प्रावधान है। इसके बावजूद भी पढ़ाई का स्तर कम नहीं होना चाहिये। सभी छात्रों को पुस्तक मिल चुकीं होंगी। मेरे द्वारा निरीक्षण में यह शब्द नहीं आना चाहिये कि बच्चों के पास पुस्तक नहीं है।
कलेक्टर ने कहा कि शिक्षकों को डोर टू डोर सर्वे करने के बाद दाखिला दिलाना है। बच्चा जिस कक्षा से उत्तीर्ण हुआ है, वह बच्चा अगली कक्षा में शतप्रतिशत प्रवेश लें ऐसे बच्चों का चिन्हांकन करें, जो किन्ही कारण स्कूल नहीं जा रहे है या स्कूल में दाखिला नहीं लिया है। उसका कारण सहित रजिस्टर संधारित करें। जिले में 4 हजार 679 ऐसे बच्चे है, जिनका समग्र आईडी नहीं होने के कारण दाखिला नहीं हो सका। इस प्रकार की जानकारी निकालकर डीपीसी और जिला शिक्षाधिकारी टीएल बैठक में लेकर आये, जिससे उनकी समग्र आईडी बनवाने की पहल की जावे।यय
कलेक्टर ने कहा कि सारणी में प्रायः देखने में आया है कि 8वीं के बाद शत प्रतिशत बच्चे 9वीं में प्रवेश नहीं करते है। 9वीं के बाद शत प्रतिशत 10 वीं में प्रवेश नहीं करते है और 10 वीं में उत्तीर्ण होनें के बाद 11वीं में प्रवेश नहीं लेते है, उन बच्चों का सर्वे करें ये बच्चे अधूरी पढ़ाई क्यों छोड़ देते है या शहर से अन्य किसी स्थान पर दाखिला लेते है। यह जानकारी रखना अतिआवश्यक है।इस मौके पर पर सीईओ जिला पंचायत (CEO District Panchayat) , अपर कलेक्टर (Additional Collector) , जिला शिक्षाधिकारी (District Education Officer), DPC , जिले के समस्त बीईओ (BEO), बीआरसी और प्राचार्य उपस्थित थे।