भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने अपना आम बजट 2021-22 (Budget 2021-22) पेश कर दिया है।कोरोना (Corona) के चलते वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Finance Minister Jagdish Deora) ने पहली बार MP में पेपरलेस बजट पेश किया। टैबलेट द्वारा पेश 2 लाख 40 करोड़ रुपए के इस बजट में किसानों (Farmers), सरकारी कर्मचारियों (Government Employess), छात्रों (Student), युवाओं और महिलाओं को ढ़ेरों सौगात दी गई है।बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने किस विभाग को कितनी राशि और क्या क्या नए ऐलान किए गए है इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
MP Budget 2021-22: शिक्षक, पुलिस भर्ती को लेकर बड़े ऐलान, जाने किस वर्ग को क्या मिला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा। मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश (aatmanirbhar madhyapradesh))
का संकल्प सितम्बर 2020 में लिया गया था। मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया। जनता के सुझाव प्राप्त किए गए। अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था (Economy) एवं रोजगार (Employment को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया।
मिशन मोड में कार्य करेंगे 9 नए मिशन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अंतर्गत 9 नए मिशन संचालित होंगे। भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे। शिक्षा(Education) एवं स्वास्थ्य (Health) के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा। सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।
अधोसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट प्रावधान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 40 हजार 958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रूपये, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट (MP Budget) में गत वर्ष से 22 प्रतिशत अधिक राशि है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश का जीएसडीपी 10 लाख करोड़ रूपये के पार पहुँच सकता है, जो एक कीर्तिमान होगा। राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.5 प्रतिशत है। इसे अगले तीन वर्ष में और घटाकर 3 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।
राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। इसे भी अगले 3 वर्ष में घाटे से आधिक्य में बदलने का लक्ष्य है। गत 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रूपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन प्राप्त हो रहे हैं। बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।
बहनों और बेटियों के लिए सौगात है बजट
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएँ संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 900 करोड़ रूपये से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है।
गरीब कल्याण और जन-कल्याण पर फोकस
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए बजट में समुचित प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 3,200 करोड़ रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रूपये, सीएम राइज स्कूल के लिए 1,500 करोड़ रूपये, अन्नपूर्णा योजना में 400 करोड़ रूपये, जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुँचाने के कार्यों के लिए 5,762 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 922 करोड़ रूपये, अटल कृषि ज्योति योजना में 4,592 करोड़ रूपये, नये मेडिकल कॉलेज (Medical College) की स्थापना के लिए 300 करोड़ रूपये, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रूपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2,500 करोड़ रूपये, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5,739 करोड़ रूपये, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभाग स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है।
किसान-कल्याण और स्मार्ट सिटी
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि कृषि अर्थ-व्यवस्था का आधार है। कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,220 करोड़ रूपये की राशि बजट में रखी गई है। बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।
प्रत्येक कार्यकाल में बुनियादी क्षेत्रों को रखा केन्द्र में
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ उन्होंने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई क्षेत्र के विस्तार का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और सुचारू बिजली प्रदाय पर ध्यान दिया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत हो चुकी है। यह बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी होगा।
अन्य प्रमुख विशेषताएँ
- ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 6 जिलों में नये सोलर पार्क के लिए बजट।
- 65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट।
- पुलिस में चार हजार और शिक्षकों (Teachers) के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय।
- पाँच विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट।
- चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट।
- प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 6 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य।
- शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल-जीवन मिशन।
- 13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास।
- 3 विमुक्त विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया की 38 आश्रम शालाओं (school) में पायलट बेसिस पर प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन।
- मुख्यमंत्री स्व-रोजगार ब्याज परिदान योजना प्रारंभ होगी।
- इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ‘स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज’ पर तेजी से अमल प्रारंभ होगा।
- 50 बिस्तर का पुलिस चिकित्सालय बनेगा।
- पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा।
- छतरपुर जिले में जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा।
- भोपाल गैस पीड़ितों के लिए केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार अपने बजट से पेंशन की व्यवस्था करेगी।
- प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी।
- संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है।
- छोटे और सीमांत किसानों को वर्ष में 10 हजार रूपए की राशि मिलेगी। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ ही मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।