भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में माफियाओं को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है| मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी जिला कलेक्टरों और संभाग कमीश्नरों के साथ वीडीयों कांफ्रेंसिंग कर उन्हे निर्देश दिए हैं कि माफियांओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए| लेकिन माफिया पर कार्रवाई करने के नाम पर नगर निगमों, नगर पालिकाओं के कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर कानून के अनुसार सामान्य प्रक्रिया में कार्रवाई होने दें| कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम अफसरों पर जमकर बरसे| सीएम ने कहा बड़े अफसर सुन लें, कलेक्टर अपनी जिम्मेदारी तय कर लें, ढिलाई पर अब सख्त कार्रवाई होगी| वहीं उन्होंने कहा माफिया के आड़ में दुश्मनी नहीं निकाली जाए| माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में सिर्फ माफिया ही होना चाहिए|
लगातार राशन दुकानों से मिल रही शिकायतों को लेकर सीएम ने कहा कि सुनिश्चित करें कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री का ही सामान मिले|उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि उपार्जन की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। समय पर सभी तैयारियाँ पूरी हो जाएं साथ ही खाद की ब्लैक मार्केटिंग किसी भी प्रकार से न हो पाए इस बात का ध्यान रखें और ऐसे सभी पात्र किसानों की सूची बनाए जो फसल कर्ज माफी के पात्र हैं लेकिन समय पर कर्जा माफी फार्म नहीं भर पाये|
इसी के साथ सीएम ने ‘आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम में शिकायतों का फॉलोअप नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऑन द स्पॉट शिकायतों का निराकरण न होने से इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधूरा ही रह जाता है| इसलिए मिली शिकायतों का मौके पर ही निराकरण करें| सीएम ने गृह निर्माण समितियों में सदस्यों के साथ जो धोखा-धड़ी हुई है उसे लेकर कहा कि इस तरह के जो मामले सामने आए हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो| केवल गड़बड़ी करने वाली समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की औपचारिकता न हो बल्कि उन्हें सजा भी मिले| मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि गड़बड़ी करने वाली सभी हाउसिंग सोसायटियों के मामलों पर बैठक लें और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए…और आवश्यकता पड़ने प सहकारिता अधिनियम के तहत हाउसिंग सोसाइटी को टेकओवर कर लो|