Mon, Dec 22, 2025

MP College: कैबिनेट बैठक में जल्द आएगा यह प्रस्ताव, उच्च शिक्षा विभाग की तैयारियां पूरी

Written by:Pooja Khodani
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MP College: कैबिनेट बैठक में जल्द आएगा यह प्रस्ताव, उच्च शिक्षा विभाग की तैयारियां पूरी

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। 15 सितंबर से मध्य प्रदेश में सभी कॉलेज (MP College Reopen) खुलने जा रहे है, इसके पहले उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया है।उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कॉलेजों के सभी कुलपतियों के नाम बदलने की तैयारी है। अब सभी कुलपति ‘कुलगुरु’ कहे जाएंगे।इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, इसका अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।

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सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Education Minister Mohan Yadav) ने कहा है कि प्रदेश सरकार (MP Government) विश्वविद्यालयों में कुलपति पद का हिंदी नाम ‘कुलपति’ से बदलकर ‘कुलगुरु’ करने पर विचार कर रही है।इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। वही इस मसले पर मप्र के राज्यपाल से भी चर्चा की जाएगी। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो प्रस्ताव को लागू किया जाएगा। सबसे पहले इसकी शुरुआत उज्जैन से होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव  ने कहा कि शिक्षक (Teachers) देश को दिशा प्रदान करते हैं। उनके नेतृत्व में ही देश का भविष्य निर्मित हो रहा है। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर विकास के लिए हम सतत रूप से प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को देश की सर्वोत्तम विश्वविद्यालय की सूची में सम्मिलित करना हमारा लक्ष्य है। मध्यप्रदेश स्थित शिक्षा संस्थान विश्व के उन्नत संस्थानों से टक्कर ले सके इसके लिए राज्य शासन दृढ़ संकल्पित है।

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सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर कुलपतियों ने सहमति और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chouhan) ने भी मौखिक हरी झंड़ी दे दी। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट (Shivraj Cabinet Meeting) में रखा जाएगा और मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेशभर में करीब 52 राज्य स्तरीय, निजी और केंद्रीय विश्वविद्यालय है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद राज्य स्तरीय और निजी विश्वविद्यालयों में ‘कुलपति” ‘कुलगुरु” कहलाए जाएंगे, लेकिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर ये नियम लागू नहीं होगा।