MP Election 2023 : किसका एग्जिट किसकी एंट्री, मध्य प्रदेश में कमल या कमलनाथ

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MP Election 2023 : तो हुआ यूं कि इस बार चुनाव आयोग ने भी राजनीतिक दलों पर गज़ब का सितम ढाया। वोट पड़े 17 को और नतीजों की तारीख तय हुई 3 की। यानी पूरे 15 दिन का इंतज़ार। ये आंकड़ा कईयों के लिए बेहद भारी रहा। हालांकि पांच राज्यों में वोटिंग होनी थी और देरी का सबब भी यही रहा लेकिन बात करें मध्य प्रदेश की तो पिछला एक पखवाड़ा यहां जिस बेकरारी में कटा है..वो या तो कोई आशिक़ समझ सकता है या फिलहाल यहां के नेता।

इंतज़ार के आखिरी पल

‘काटे नहीं कटते ये दिन ये रात’ वाले दिलों के लिए उल्टी गिनती शुरु हो गई है। हालांकि नतीजों का दिन भी किसी एक के लिए ही चैन-ओ-करार लाएगा क्योंकि सीटों का गुणाभाग चाहे जो रहे, जीत तो किसी एक की ही तय है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 17 दिसंबर को वोटिंग हुई और अब रविवार 3 दिसंबर को परिणाम आने वाले हैं। इससे पहले प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस लगातार अपनी अपनी जीत के दावे करते रहे हैं। एक दिन पहले तेलंगाना में वोटिंग समाप्त होने के बाद अब अलग अलग न्यूज चैनल्स के एग्जिट पोल भी शुरु हो गए हैं और वहां भी सबके अपने दावे हैं।

MP के मन में कौन!

हर दावे का परिणाम में बदलना संभव नहीं क्योंकि किसी एक दल को तो विपक्ष में बैठना ही है। बात करें मध्य प्रदेश की तो अगर यहां बीजेपी आती है तो फिर ये मान चाहिए कि कहीं न कहीं उसकी जड़ें गहरी जम चुकी हैं। हालांकि इस बार पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर पसोपेश बरकरार है क्योंकि चुनाव से पहले सीएम फेस घोषित नहीं किया गया है। बड़े नेता लगातार इस सवाल को टालते आए हैं और एक दिन पहले भी बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती से पत्रकारों ने जब यही सवाल किया तो उन्होने कहा कि ‘मैं चाहती हूं बीजेपी की सरकार बने, बीजेपी का सीएम बने’ और इतना कहकर बात को टाल दिया।

वहीं कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ भावी मुख्यमंत्री घोषित किए जा चुके हैं। वे चुनाव प्रचार के दौरान लगातार ये बात दोहराते रहे हैं कि ‘अब मैं 2018 का नहीं, 2023 का मॉडल हूं’। इस तरह उन्होने चुनाव से पहले ही जनता तक ये मैसेज पहुंचाने की भी कोशिश की कि अगर कांग्रेस  सरकार बनती है तो अब वो बीजेपी को पिछली बार जैसा कोई मौका नहीं देने वाले हैं। वहीं एग्जिट पोल में अलग अलग नतीजों के आंकलन को लेकर उन्होने कहा कि ‘देश विजन से चलता है, टेलीविजन से नहीं। 3 दिसंबर को जब मतगणना शुरू होगी तो कांग्रेस की सरकार पर जनता की मोहर लग जाएगी।’ तो माहे दिसंबर शुरु हो चुका है और इंतजार की आखिरी घड़ियां चल रही है। नेताओं के साथ जनता भी बेसब्री से नतीजों की राह देख रही है। राजधानी भोपाल के पटियों पर यहीं चर्चा-ए-आम है। दिवाली पर बचाए गए पटाखे भी फूटने के इंतजार में हैं। बस देखना ये है कि कहां पटाखे फूटते हैं और कहां दावों के गुब्बारे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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