बुधनी vs छिंदवाड़ा : शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के गढ़ में क्या इस बार लग पाएगी सेंध, नतीजे आज

MP Election 2023 Result

MP Election 2023 Resultsमध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आज मतगणना हो रही है। इसी के साथ आज प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के भाग्य का फैसला हो जाएगा। दोनों ही दल लगातार अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। सूबे के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ..दोनों ही सरकार बनाने का विश्वास जता रहे हैं। अगर बीजेपी वापसी करती है तो इस बार मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये तय नहीं है क्योंकि उसकी तरफ से कोई सीएम फेस घोषित नहीं किया गया है। लेकिन अगर कांग्रेस जीतती है तो कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना तय है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान

बात करें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तो प्रदेशभर में वो ‘मामा’ ‘भैया’ ‘पांव पांव वाले भैया’ जैसे संबोधनों से जाने जाते हैं। अगर कभी प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त बनी, तो उसमें शिवराज सिंह का नाम जरुर शामिल होगा। आम लोगों में..खासकर महिलाओं के बीच वो खासे लोकप्रिय हैं। उनकी सादगी और ‘आम आदमी’ की छवि ही उनका सबसे प्रधान गुण है। वो खुद को किसान का बेटा कहते रहे हैं और आम लोगों के बीच वैसे ही घुलमिल जाते हैं।

प्रदेश की सबसे हॉट बुधनी सीट

शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले की बुधनी सीट से मैदान में हैं और ये प्रदेश की सबसे हॉट सीट है। ये उनकी पारंपरिक सीट है और इसे उनका गढ़ भी कहा जाता है। वे देश में बीजेपी की ओर से सबसे अधिक समय तक और मध्य प्रदेश के सबसे लंबे काल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं और अगर इस बार बीजेपी जीतती है और उन्हें सीएम बनाया जाता है तो वो 5वीं बार सीएम पद का दायित्व संभालेंगे। इस बार जब उनसे पूछा गया कि क्या आप पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं तो उन्होने सीधा जवाब न देते हुए कहा ‘भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद’। 1990 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी से विधायक चुने गए थे और 2005 से राज्य के मुख्यमंत्री है। बता दें कि 1985 तक इस सीट पर कांग्रेस काबिज थी। 1990 में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को यहां से टिकट दिया और उन्होने विजय हासिल की। इसके बाद वो 1996, 1998, 1999 और 2004 तक विदिशा से सांसद रहे। 1993 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और बुधनी विधानसभा सीट पर राजकुमार पटेल ने जीत हासिल की। फिर आया 2003 और बीजेपी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह जीतकर यहां से विधायक बने। इसके बाद  2006 के उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने यहां से जीत हासिल की। सिलसिला चल निकला और फिर  2008, 2013 और 2018 में उन्होने लगातार बीजेपी का परचम लहराया। कांग्रेस ने उनका तिलस्म तोड़ने के लिए धार्मिक छवि वाले अभिनेता विक्रम मस्ताल को यहां से उनके सामने मैदान में खड़ा किया है।

कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने गढ़ छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में हैं। उनका यहां से पुराना रिश्ता है। वो इस स्थान पर 1980 से राजनीति करते आए है और 9 बार सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं, साथ ही एक बार विधायक भी रह चुके हैं। वे कई बार केंद्र में मंत्री रहे हैं और छिंदवाड़ा के विकास के लिए बहुत काम किया है।

सबकी नजरें छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर

कमलनाथ पहली बार 1980 में छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए थे और उसके बाद नौ बार उन्होने सांसद पद का चुनाव लड़ा। इसमें सिर्फ 1997 उपचुनाव में उन्हें एकमात्र हार मिली। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 2019 में लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया, लेकिन सिर्फ छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ ने जीत हासिल की। पिता पुत्र दोनों की ये कर्मस्थली है और वो यहां लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए लगातार संघर्षरत रहती है लेकिन यहां उसकी राह आसान नहीं। इस बार भाजपा ने कमलनाथ के सामने बंटी साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन कमलनाथ की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनकी जीत को लेकर यहां लोगों में 10 लाख की शर्त तक लग गई है। ये खबर पिछले दिनों काफी सुर्खियों में थी। बहरहाल, आज नतीजों में साफ हो जाएगा कि बुधनी और छिंदवाड़ा..दोनों ही सीटों पर क्या स्थिति बनती है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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