MP News : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मध्य प्रदेश में सीबीआई की किसी मामले की जांच से पहले राज्य सरकार से लिखित में अनुमति लेने के फैसले पर सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि आख़िर ऐसा फैसला क्यों लिया गया है और क्या इसके तहत किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है।
जीतू पटवारी द्वारा पीएम मोदी को लिखा गया पत्र
इस पत्र में जीतू पटवारी ने लिखा है कि ‘आदरणीय प्रधानमंत्री जी..जब श्री शिवराज सिंह चौहान जी को हटाकर आपकी सहमति से डॉ मोहन यादव जी को मुख्यमंत्री बनाया गया था तब हमें उम्मीद थी कि व्यापम जैसी व्यवस्था दोबारा इस प्रदेश में नहीं होगी, किन्तु हाल ही में आपकी कथित डबल इंजन सरकार के द्वारा लिया गया एक निर्णय काफी सारे सवाल उत्पन्न करता है जिनका जवाब आपको मध्य प्रदेश सरकार से लेकर जनता को बताया जाना चाहिए।’
‘प्रदेश की सरकार ने हाल ही में एक फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य में अब सीबीआई की किसी मामले की जांच से पहले राज्य सरकार से लिखित में अनुमति लेनी होगी। मंजूरी मिलने के बाद ही जांच एजेंसियां एक्शन ले पाएंगी, मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास ही गृह मंत्रालय का दायित्व भी है इसलिए बिना उनकी सहमति के निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा नहीं लिया जा सकता। सर्वविदित है कि मध्य प्रदेश में जनता के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी लगातार नर्सिंग घोटाले का पर्दाफाश कर रही है, जिसके तहत लाखों की संख्या में छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक प्रभावित हुए हैं। इस घोटाले में भारतीय जनता पार्टी के मंत्री एवं अन्य नेताओं की भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है एवं ऐसा प्रतीत होता है कि यदि सही से जांच हो तो उनकी गिरफ्तारी भी संभव है। ऐसे में प्रदेश की जनता के ज़हन में कुछ सवाल हैं जैसे क्या प्रधानमंत्री जी को इस घोटाले एवं राज्य सरकार द्वारा सीबीआई के संदर्भ में लिए गए निर्णय की जानकारी है? यदि हाँ तो क्या कारण है कि यह निर्णय लिया गया? क्या आपकी राज्य सरकार को केंद्र सरकार की एजेंसियों पर भरोसा नहीं है?’
‘ये प्रश्न आपसे इसलिए पूछे जा रहे हैं क्योंकि आप ही ने चुनाव के समय मध्य प्रदेश आकर गारंटियों की बात कही थी एवं डबल इंजन सरकार का जुमला भी आप ही के द्वारा लगातार दिया जाता रहा है। कई विपक्षी राज्यों ने भी इस तरह के निर्णय लिए हैं लेकिन उनके द्वारा कही गई बातों में दम है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां एक अलग पार्टी की सरकार होने के कारण कई बार किसी दूसरी मानसिकता के साथ काम करती है परंतु मध्य प्रदेश में तो आप ही की पार्टी की सरकार है।’
‘प्रधानमंत्री जी, मध्य प्रदेश ने आपको 29 में से 29 सांसद चुन कर दिए हैं तो आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि मध्य प्रदेश के लोगों को बताएं कि क्या सीबीआई की जांच के लिए लिखित में प्रदेश सरकार से अनुमति लेना क्या आपकी सरकार की नीति है? केंद्र और राज्य सरकार में सामंजस्य का अभाव क्यों है? लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में आपकी सरकार स्थिर नहीं है? जिसके कारण मध्य प्रदेश सरकार भी आपकी जांच एजेंसियों के खिलाफ निर्णय लेने लगी है? क्या व्यापम घोटाले के बाद बदनाम हुए मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले को लेकर सीबीआई जांच केवल दिखावा है, क्योंकि अगर हर मामले में सीबीआई को राज्य सरकार से ही अनुमति लेनी है तो फिर सीबीआई जांच का मतलब ही क्या रह गया? क्या प्रदेश सरकार आपसे कुछ छुपा रही है? क्या आपके किसी लाडले मंत्री को गिरफ्तारी से बचाने के लिए इस तरीके का निर्णय लिया गया है? क्या यह निर्णय मुख्यमंत्री की जानकारी के बगैर अधिकारियों ने अपने को बचाने के लिए ले लिया है मध्य प्रदेश की जनता इन सारे सवालों के जवाब की आपसे उम्मीद करती है।’