Kamal Nath wrote a letter to CM Shivraj : कांग्रेस ने अपने शासनकाल में लागू की गई ‘मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना’ फिर से प्रारंभ करने की मांग की है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि ये योजना बंद कर शिवराज सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा हुआ उजागर हो गया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने योजना शुरू की थी और इसके अंतर्गत राज्य सरकार के कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए 10 लाख तक के कैशलेस इलाज की सुविधा थी। लेकिन बीजेपी ने इसे बंद कर दिया। अब कमलनाथ ने पत्र लिखकर इसे फिर शुरू करने की मांग की है।
कमलनाथ ने लिखा पत्र
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश में शासकीय सेवा में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को सामान्य बीमारी की दशा में 5 लाख रुपये तथा गंभीर बीमारी की दशा में 10 लाख रूपये तक के कैशलेस उपचार की सुविधा सुनिश्चित कराने हेतु कांग्रेस सरकार द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना लागू की गई थी। इस योजना के माध्यम से 7.5 लाख सेवारत तथा 5 लाख सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों और उनके परिवारों को उपचार की सुविधा सुनिश्चित की गई थी। योजना के क्रियान्वयन हेतु कर्मचारियों के परिवार के आश्रित सदस्यों का विवरण प्थ्डप्ै में अद्यतन करने के लिये वर्ष 2020 में वित्त विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया था, परंतु 3 वर्ष की दीर्घ अवधि व्यतीत होने के उपरांत भी योजना का लाभ मप्र सरकार द्वारा कर्मचारियों को सुनिश्चित नहीं कराया गया है।’
सीएम से मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि कर्मचारी एवं उनके परिवार योजना के लाभ से वंचित है, इस योजना को सरकार शीघ्र लागू करे। उन्हांने कहा कि कर्मचारी संगठनों द्वारा भी योजना को लागू करने की मांग लगातार की जा रही है।
पत्र में हवाला देते हुए उन्होने कहा कि योजना को लागू करने से कर्मचारियों एवं सरकार के वित्तीय हित सुरक्षित होते, सरकार का व्यय कम होता और कर्मचारी एवं उनके परिवार को सुविधायुक्त शीघ्र स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित होता, साथ ही योजना उभयपक्ष के लिए लाभकारी थी। सरकार द्वारा योजना को लागू न करके कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्यों से बिना वजह ही असंवेदनशील व्यवहार किया जा रहा है जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय प्रारंभ की गई ‘‘मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना“ का क्रियान्वयन अविलम्ब प्रारंभ किया जाये ताकि प्रदेश के 12.5 लाख सेवारत/ सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ सुनिश्चित हो सके।