MP News : सियासत में टूटी भाषा की मर्यादा, कहीं ‘पागल’ तो कहीं ‘सड़क छाप गुंडों’ जैसे शब्दों का प्रयोग

Shivraj-Kamal Nath accused each other : मध्य प्रदेश की सियासत में रोज ही कोई न कोई नया मुद्दा गर्मा रहा है। अब आज का मुद्दा है ‘पागल’ लफ्ज़। बीजपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में छिंदवाड़ा में एक रोज़ा इफ़्तार पार्टी में कमलनाथ ने ‘दंगे-फसाद’ का जिक्र किया था और इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी प्रतिक्रया जाहिर की है। उन्होने कहा कि ‘वोटों की भूख में आप इतने पागल हो गए कि मध्य प्रदेश को आप अशांति और वैमनस्य की खाई में झोंकना चाहते हैं। क्या आप मन ही मन ये कामना करते हैं कि दंगे भड़क जाए।’ इसपर प्रतिक्रिया जताते हुए कमलनाथ ने कहा है कि मुख्यमंत्री सड़क छाप गुंडों की भाषा बोल रहे हैं।

सीएम शिवराज का आरोप

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश अमृत कुंभ है, लेकिन कांग्रेस विषकुंभ बन गई है। उन्होने आरोप लगाया कि ‘क्या वो केवल वोट बैंक मानकर काम करते हैं। क्या वोट के लिए लोगों को भड़काया जाएगा। अब रोज़ा इफ़्तार के समय एक समुदाय को कह रहे हैं कि दंगे भड़क रहे हैं देश में प्रदेश में। कहां मध्य प्रदेश में दंगे भड़क रहे हैं। वोटों की भूख में आप इतने पागल हो गई कि प्रदेश को आप अशांति की खाई में झोंकना चाहते हैं।’ इतना ही नहीं, उन्होने ये तक कह डाला कि ‘कोविड के समय ये शवों को देखकर आनंदित होते थे। ये राजनीति की स्तरहीनता मध्य प्रदेश का भला नहीं करेगी।’

कमलनाथ का पलटवार

इधर शिवराज सिंह चौहान की इस बात पर कमलनाथ ने कहा कि ‘जी कुछ दिन पहले आप मेरा अंत करना चाहते थे और आज आपने मुझे पागल कहा है। पूरी दुनिया देख रही है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसी हरकतें कर रहा है? उसके भीतर की सारी सभ्यता, मर्यादा और संस्कार समाप्त हो चुके हैं। वह सड़क छाप गुंडों की भाषा बोल रहा है। मुझे अपने अपमान की फिक्र नहीं है। मैं तो पिछले 44 साल से मध्य प्रदेश की जनता की सेवा कर रहा हूं और आखिरी सांस तक करता रहूंगा। लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि मध्य प्रदेश जैसे महान राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ऐसे कुंठित विचारों वाला व्यक्ति बैठा है। ऐसे व्यक्ति का मुख्यमंत्री होना प्रदेश की 8 करोड़ जनता का अपमान है।’

‘लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप का षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। शिवराज जी मध्य प्रदेश शांति का टापू था और रहेगा। लेकिन आपने अपने 18 साल के कुशासन में मध्यप्रदेश की शांति भंग कर दी है। जब आप सुबह मीडिया से मुखातिब होकर मुझे गालियां दे रहे थे, तब भी मुख्यमंत्री आवास के बाहर हजारों कर्मचारी आप के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। आपने नौजवानों से रोजगार छीन लिया है, किसानों से उपज का सही मूल्य छीन लिया है, बहनों से उनकी सुरक्षा छीन ली है, अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासियों से सामाजिक न्याय छीन लिया है, पिछड़ा वर्ग से कांग्रेस का दिया आरक्षण छीन लिया है, सामान्य वर्ग से विकास की संभावनाएं छीन ली हैं। आपने हर वर्ग के जीवन से सुख शांति का हरण कर लिया है। आपने 18 साल में पूरी एक पीढ़ी बर्बाद कर दी है। इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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