आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, आईएएस चंद्र मोहन ठाकुर पर पद के दुरुपयोग का आरोप, जाँच की मांग

इस पत्र में उन्होंने मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सिविल सेवा के नियमों का का उल्लंघन कर अपनी पत्नी को लाभ दिलाया। इस मामले में अजय दुबे ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा है कि वो जल्द ही इस मामले की भारत सरकार से भी शिकायत करेंगे।

MP News : आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरां राणा को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव IAS चंद्र मोहन ठाकुर द्वारा पद का दुरुपयोग कर परिजन को लाभ दिलवाने और सिंगरौली में स्वास्थ्य संबंधी वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और आम नागरिकों के स्वास्थ परीक्षण प्रोजेक्ट की जाँच की माँग की है। इस बारे में जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने आईएएस सीएम ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा कि ‘मैं अपना वर्जन क्यों दूं, आपको जो छापना है छाप दीजिए’।

अजय दुबे द्वारा लिखा गया पत्र

अपने पत्र में अजय दुबे ने लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी सिंगरौली जिले में फ्लाई ऐश प्रदूषण की गंभीर समस्या सर्वविदित है।वर्ष 2023 में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने आदिवासी बहुल जिला सिंगरौली में औद्योगिक प्रदूषण से पीड़ित जनता के स्वास्थ्य विशेषकर फेफड़े परीक्षण के लिए प्रोजेक्ट बनाने हेतु मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सिफारिश की थी। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्र मोहन ठाकुर ने पद का दुरुपयोग कर एम्स,भोपाल से दिनांक 9 मई 2023 को MOU कर पारदर्शिता,स्वच्छ कार्यप्रणाली के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर सीधे प्रोजेक्ट सौंपा। इसके लिए विज्ञापन जारी/ऑफर निमंत्रित करने से परहेज किया।’

‘यह कथित प्रोजेक्ट जनवरी 2024 में समाप्त होना था लेकिन आज भी अपूर्ण है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनवरी 2024 तक एम्स भोपाल की प्रोजेक्ट टीम को इस कथित प्रोजेक्ट के लिए डाटा भी नही दिया जिससे सवाल उठता है कि प्रोजेक्ट टीम ने कैसे शोध किया ? बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्रमोहन ठाकुर ने परिजन को लाभ देने के लिए यह घोषित नही किया कि उनकी पत्नी नेहा आर्या वैज्ञानिक के तौर पर aims में कार्यरत है और वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनी जो कि सिविल सेवा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। नेहा आर्या को इस कथित प्रोजेक्ट के विषय पर न अनुभव है न विशेषज्ञता है। दिनांक 4 जुलाई 2023 को बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्रमोहन ठाकुर ने वित्त अधिकारी शरद शर्मा के साथ चेक हस्ताक्षर कर 1,26,62,038.00 एम्स भोपाल को भुगतान किए। पत्र संलग्न। वित्त अधिकारी ने प्रोजेक्ट टीम को एक साथ संपूर्ण राशि देने पर विरोध दर्ज कराया था लेकिन बोर्ड सचिव ठाकुर ने दवाब डालकर उसे डराया था।’

‘कथित प्रोजेक्ट के लिए यह संपूर्ण भुगतान इसलिए गैरकानूनी था क्योंकि शोध योजना पर प्रगति देख चरणबद्ध तरीके से भुगतान का प्रावधान है। लेकिन यहां ठाकुर ने निजी लाभ के लिए जल्द संपूर्ण भुगतान किया। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शोध मद में इतनी बड़ी राशि उपलब्ध न होने पर मद परिवर्तन करने वाले बोर्ड अध्यक्ष और प्रमुख सचिव पर्यावरण गुलशन बामरा आईएएस ने अपने अधीनस्थ रहे तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्र मोहन ठाकुर आईएएस पद को अवैध लाभ देने के लिए दुरुपयोग कर विधि विरुद्ध प्रक्रिया और अनावश्यक रूप से इस प्रोजेक्ट को अनुमति दी।दस्तावेज संलग्न।’

‘संवेदनशील सिंगरौली आदिवासी बहुल जिले में सैंकड़ों आम आदमी को भ्रमित कर ब्लड टेस्ट सहित स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया।सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई कि एम्स की प्रोजेक्ट टीम के प्रमुख डॉक्टर राज कुमार पाटिल और प्रोजेक्ट टीम की महत्वपूर्ण सदस्य डॉक्टर नेहा आर्या जो बोर्ड के पूर्व सदस्य सचिव चंद्र ठाकुर की निकट परिजन ने सिंगरौली जिला प्रशासन और सीएमएचओ से वैधानिक प्रावधानों के तहत अनुमति नहीं ली और गैर कानूनी तरीके से अवैध ड्रग ट्रायल की भांति आम नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जो कि बेहद गंभीर अपराधिक लापरवाही है।’

‘एम्स की प्रोजेक्ट टीम के प्रमुख डॉक्टर राज कुमार पाटिल, डॉक्टर नेहा आर्या और अन्य ने इस कथित प्रोजेक्ट के लिए सिंगरौली का दौरा भी नही किया इस प्रोजेक्ट के लिए रखे गए 2 जूनियर रिसर्च फेलो ने ही सिंगरौली में जाकर ब्लड टेस्ट सहित स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इस कथित प्रोजेक्ट के नाम पर केवल सरकारी राशि हजम की गई और गुप्त तौर पर ड्रग ट्रायल जैसी अवांछित गतिविधियां संचालित हुई जिसकी सीबीआई जांच हो।एम्स भोपाल के खिलाफ तो मैं जल्द भारत सरकार को शिकायत करूंगा। मप्र सरकार तत्काल इस मुद्दे पर कठोर कानूनी कार्रवाई कर दोषियों को जेल भेजे। आरोपियों द्वारा हजम की संपूर्ण राशि की वसूली हो। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बोर्ड में आईएएस अधिकारी गुलशन बामरा को अध्यक्ष बनाने और चंद्रमोहन ठाकुर सदस्य सचिव बनाने का दुष्परिणाम है यह प्रकरण अतः बामरा को तत्काल हटाकर उनके कार्यकाल की जांच की जाए। कृपया जांच प्रक्रिया से मुझे सूचित कर मेरा पक्ष दर्ज करवाए।’

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, आईएएस चंद्र मोहन ठाकुर पर पद के दुरुपयोग का आरोप, जाँच की मांग


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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