भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) की शिवराज सरकार (shivraj government) ने किसानों (farmers) को बड़ी राहत दी है। दरअसल मत्स्य पालन (Fisheries) से जुड़े किसान और मत्स्य पालन करने वाले व्यक्ति को बड़ा लाभ मिलेगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Prime Minister Matsya Sampada Yojana) के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। कार्यालय सहायक संचालक में आवेदन कर सकते हैं। मत्स्य पालन से जुड़े लाभार्थी 30 सितंबर तक आवेदन कर योजना का लाभ ले सकेंगे।
इस मामले में सहायक संचालन मत्स्य उद्योग ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति, मत्स्य समिति समूह कार्यालय में 30 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे। वहीं पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर हितग्राहियों को चयन की प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं अधिक से अधिक करिश्मा से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
मामले में सहायक संचालक मत्स्य उद्योग का कहना है कि इच्छुक मत्स्य पालन व्यक्ति मत्स्य विभाग से संपर्क कर योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इन योजनाओं में मत्स्य बीज उत्पादन के लिए है। निर्माण संवर्धन, पुनर्निर्माण, मत्स्य पालन के लिए इनपुट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा जिला में मत्स्य बीज फिंगर्लिंग, रंगीन मछलियों की सहित रेफ्रिजरेटर व्हीकल, इंसुलेटेड व्हीकल, मदद से मार्केटिंग के लिए कई फिश फीड मिल प्लांट, बायोफ्लेक्स प्लांट आदि योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
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PMMSY मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत् विकास योजना है। जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक (5 वर्ष की अवधि के दौरान) सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है। इस योजना पर 20,050 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। PMMSY के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे अधिक निवेश है इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपए का निवेश समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केंद्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपए का निवेश फिशरीज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिये प्रस्तावित है।
लक्ष्य
- वर्ष 2024-25 तक मत्स्य उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि करना है।
- वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात से होने वाली आय को 1,00,000 करोड़ रुपए तक करना है।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय को दोगुनी करना है।
- पैदावार के बाद होने वाले नुकसान को 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना है।
- मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करना है।