MP News : एक्शन में शिवराज, मंच से माइनिंग ऑफिसर और सीएमएचओ को किया सस्पेंड

Shivraj in action : बैतूल जिले के कुंड बकाजन में आज ‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ अंतर्गत स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर शिवराज एक्शन में नजर आए और उन्होने मंच से ही बैतूल जिले के माइनिंग अफसर को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। इसी के साथ बैतूल जिले के सीएमएचओ को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। बिजली की समस्या के लिए दो लोगों को जवाबदार बताते हुए पवन बारसकर जेई एमपीईबी चीचली व जेई साईंखेड़ा को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया। सीएम ने कहा कि गड़बड़ करने वाले नहीं बचेंगे, राज जनता का चलेगा।

सीएम शिवराज  के भाषण के मुख्य बिंदु

सीएम ने इस मौके पर कहा कि ‘आज सबसे पहले इस जिले को एक सौगात देनी है..यहा मेढ़ा बांध बन रहा है, उसकी ऊंचाई यदि बढ़ जाये तो कई और गांवों को सिंचाई के पानी की व्यवस्था हो जाएगी। आज मैं घोषणा करता हूं कि मेढ़ा डेम बनाया जाएगा और उसकी ऊंचाई 1.80 मीटर बढ़ाई जाएगी। अगले बजट में वकाडेम से भीमपुर तक डेम बनाने का काम किया जाएगा, भीमपुर से चिचौली के मार्ग का चौड़ीकरण भी किया जाएगा। मुझे बताया यहां बिजली की समस्या भी है, उसके समाधान के लिए ग्राम पाकरैय्यत में 132 कीवी की बड़ा सब स्टेशन 80 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।तत्काल समाधान के लिए चिचौली से भीमपुर तक 22 किमी तक 33 केवी की लाइन डाली जाएगी और 15 दिसबंर तक ये काम पूरा हो जाएगा।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमने तय किया सीएम जनसेवा अभियान चलेगा और हर पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे, वार्ड में शिविर लगेंगे। जो शिविर में आवेदन आएंगे, उसके आधार पर लोगों के नाम जोड़े जाएंगे। तीनों जिलों में चार लाख से ज्यादा लोगों के नाम जोड़े गये हैं। जिले में 740 शिविर लगे, 38 सेवाओं के अंतर्गत 1 लाख 85 हजार आवेदन आए हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर भ्रष्टाचार मैं किसी भी कीमत पर रहने नहीं दूंगां, यह संकल्प लेकर हम निकले हैं।’ उन्होने कहा कि ‘आज मैं इस भरी सभा में कह रहा हूं- मेरे प्रधानमंत्री ने कहा है कि न खाउंगा न खाने दूंगा। किसी को एक पैसा मत देना यदि कोई गड़बड़ी करे तो सूचना सीएम हाउस भेज देना, उसे नौकरी करने लायक नहीं रहने दूंगा।’

पेसा एक्ट के बार में भी सीएम शिवराज ने कहा कि ‘पेसा एक्ट के तहत पहला अधिकार जमीन का अधिकार है- कोई कनफ्यूजन की जरूरत नहीं है, ग्राम सभा बनेगी, जिसमें बहनें भी शामिल होंगी। हर साल ग्राम सभा में जमीन का नक्शा रखेंगे, जिससे आपको पता चलेगा कि कौन सी जमीन किसकी है। तो यदि किसी ने जमीन इधर-उधर की तो आपको पता चल जाएगा, और पटवारी और तहसीलदार तुरंत पकड़ा जाएगा अगर अनुसूचित क्षेत्र में, यदि कोई प्रोजेक्ट आना है, कोई काम के लिए सरकारी जमीन लेनी है, तो सरकार दादागिरी करके वो जमीन नहीं ले सकती। पहले मामला ग्राम सभा में जाएगा। ग्राम सभा तय करेगी की जमीन देनी है या नहीं। कुछ लोग छल कपट करके जमीन ले लेते हैं, धर्म बदलकर जमीन बदल लेते हैं, मैं मध्यप्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलने दूंगा। यदि गलत ढंग से आदिवासी की जमीन लेने की कोशिश की तो, उसकी जमीन वापस दिलाई जाएगी और आरोपियों को सजा दी जाएगी। यदि अपने गांव की सीमा में कोई खदान है तो अभी सरकार नीलाम करती है, लेकिन अब यह अधिकार अब ग्राम सभा को है, कि उसका सर्वे किया जाए या नहीं। यदि ग्रामसभा तय करती है तो वो खदान मिलेगी आदिवासियों की सोसाइटी को। किसी महिला को मिलेगी यदि वो लेना चाहे। फिर वो नहीं लेगी तो पुरूष को अधिकार मिलेगा। अब अगर अपने गांव में तालाब है तो सरकार तय करती थी कि मछली पालन होगा या सिंगाड़ा लगेगा, अब यह भी ग्रामसभा तय करेगी। यदि 100 एकड़ जमीन की सिंचाई का तालाब है तो उसके प्रबंधन का अधिकार भी ग्रामसभा का है।

‘पेसा अंतर्गत एक और महत्वपूर्ण अधिकार है वनोपज। वनोपज तोड़ने का, इकट्ठा करने का आचार की सिरोंजी, महुए का फूल, बहेड़ा आदि जो अपने गांव की सीमा में वनोपज होगी तो उसे तोड़ने का अधिकार ग्रामसभा का होगा। किस रेट पर बेचना है यह भी तय ग्राम सभा तय करेगी। इसी तरह तेंदूपत्ता भी जो ग्रामसभा चाहेगी, वही तोड़ेंगे। हम ग्राम सभा के एजूकेट करें। आदिवासी भाई ही तेंदूपत्ता तोड़ेंगे और वही बेचेंगे। फारेस्ट वाले भी ध्यान रखें, सही रेट मिल जाए. सरकार मदद करेगी। इसका पेसा ग्राम सभा के खाते में आएगा। इमारती लकड़ी भी जो बिकेगी उसकी 20 प्रतिशत राशि वनसमितियों को दी जाएगी। अब कोई भी एजेंट किसी भी भाई-बहन को बाहर मजदूरी करने ले जाएगा, तो ग्राम सभा को बताकर जाना पड़ेगा कि कहां ले जा रहा है। एसपी ध्यान रखें, यदि कोई बिना बताए ले जाए तो उस पर कार्रवाई करें।अगर बाहर से गांव में काम करने वाला कोई आएगा तो उसे भी अपनी पूरी डिटेल ग्राम सभा को देनी पड़ेगी। सीईओ जिला पंचायत ध्यान दें, मनरेगा में कौनसा काम कराना है, यह भी ग्राम सभा तय करेगी कि गांव में कौनसा काम होना है। जब काम करते हैं तो मस्टर रोल बनता है, अब ग्राम सभा में मस्टर रोल रखा जाएगा, जिससे यदि गड़बड़ हुई तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा।’

‘कोई भी नई दारू की दुकान, ग्राम सभा चाहेगी तो ही खुलेगी वरना नहीं खुलेगी। यदि किसी धार्मिक स्थल के पास दारू की दुकान है तो ग्रामसभा तय करेगी कि उसे हटाना है। यदि ग्रामसभा तय करेगी कि जिस दिन दारू की दुकान बंद रहेगी तो कलेक्टर-एसपी उस दिन ड्राय डे होगा। अवैध दारू बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। गांव में बाजार आदि के प्रबंधन का अधिकार ग्रामसभा का होगा। गांव में मास्साब का फोटो लगा दिया जाएगा, ग्रामसभा का अधिकार होगा कि स्कूल ठीक रहे। हम सीएम राइस स्कूल बना रहे हैं, जिसमें स्मार्ट क्लास होगी, लाइब्रेरी होगी। कांग्रेस ने षडयंत्र किया कि हमारे आदिवासी भाई आगे ही न बढ़ पाएं, इसलिए अंग्रेजी में ही पढ़ाई शुरू की। मध्यप्रदेश की धरती पर मामा ने तय कर दिया है मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। आंगबनाड़ी ठीक चले यह ग्रामसभा देखेगी, यह अधिकार मैं आपको दे रहा हूं। पेसा की हर सभा में एक तिहाई बहनें होंगी, शांति निवारण समिति बनेगी। छोटे-मोटे विवाद का हल अब पुलिस नहीं करेगी। शांति निवारण समिति करेगी। कोई भी गांव की एफआईआर होगी तो पुलिस ग्रामसभा को सूचना देगी।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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