MP School: सरकारी स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 30 जून तक पूरा होगा काम

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) सरकारी स्कूलों को मर्ज कर  केंद्रीय विद्यालय (Central School) की तर्ज पर 9200 सीएम राइज स्कूल (CM RISE School) खोलने जा रही है। इसके लिए कैबिनेट बैठक में 6952 करोड़ रूपये की सहमति भी बन गई है।वही दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा करीब 90 हजार सरकारी स्कूलों के बैंक खातों (Bank Account) को 30 जून से जीरो बैलेंस करने की तैयारी है। इसके स्थान पर एक जुलाई से राज्य स्तर पर एक ही सिंगल बचत खाता शुरु किया जाएगा, जिसमें राशि ट्रांसफर होगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में सरकारी स्कूलों (MP School) के 90 हजार अलग-अलग बैंक खातों में करीब 100 करोड़ रुपये जमा हैं, जो अभी तक स्कूली स्तर पर प्रबंधन जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकते थे, लेकिन अब स्कूल प्रबंधन को पहले अधिकारी को बिल दिखाना होगा, जो BRC से DPC को भेजे जाएंगे। इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र बिलों को देखने के बाद भुगतान किया जाएगा। खबर है कि केन्द्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education Department) ने 30 जून तक सभी प्रायमरी, मिडिल, हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में 90 हजार सरकारी स्कूलों के बैंक खातों को जीरो बैलेंस करने का फैसला किया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक जुलाई से एक ही सिंगल बचत खाता चालू किया जा सके और राज्य स्तर पर राशि ट्रांसफर (Money Transfer) की जा सके। मप्र सरकार (MP Government) केन्द्र से योजनाओं के लिए मिलने वाली राशि के लिए एक खाता खोलने की तैयारी में है, जिसकी सीधी निगरानी केंद्र की होगी। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारी के रूप में काम करने वाले सभी विभागाध्यक्षों को इस पर अमल के निर्देश दिए हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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