भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में किसानों (MP Farmers) के लिए आये दिन बड़े बड़े ऐलान होते रहते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किसानों को बड़ी राहत दी जाती है। इसी बीच अब उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री भरत सिंह कुशवाह (Bharat Singh Kushwaha) का बड़ा बयान सामने आया है। राज्य मंत्री भरत सिंह कुशवाहा ने प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है। भरत सिंह कुशवाहा ने कहा कि शेडनेट हाउस (Shednet House) और पॉली-हाउस बनाने वाले किसानों के खातों में अनुदान राशि (grant money) डायरेक्ट उनके खाते में ट्रांसफर की जाये।
राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसान निर्धारित स्पेशिफिकेशन की सामग्री को वेण्डर से खरीदने के लिये स्वतंत्र रहेगा। इसके साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में संरक्षित खेती, शेडनेट हाउस और पॉली-हाउस योजना में 98 हजार वर्ग मीटर में 31 किसानों द्वारा शेडनेट हाउस और पॉली-हाउस बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
इतना ही नहीं राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि ग्वालियर में फूलों की हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जाएगी। इसके लिये इस क्षेत्र में अनुभव रखने वाली विशेषज्ञ फर्म का चयन किया जाएगा। साथ ही उससे डीपीआर बनवाई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि फ्लोरीकल्चर गार्डन प्रदेश का पहला हाईटेक नर्सरी गार्डन होगा।
राज्य मंत्री कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि PMFME योजना के तहत प्रदेश ने अच्छा परफॉर्म किया है। वहीँ इस योजना के तहत फार्म लाइजेशन आरके माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेस में पिछले हफ्ते की तुलना में इस हफ्ते सुधार हुआ है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रकरणों में स्वीकृतियाँ भी जारी की गई हैं।
उन्होंने कहा कि कुल प्रस्तुत 1327 आवेदनों में से बैंक द्वारा 175 में स्वीकृति दी गई है और 522 प्रकरणों में स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य मंत्री कुशवाह ने विभागीय अधिकारियों को बैंकों से समन्वय कर सभी प्रकरणों में स्वीकृतियाँ दिलाने की बात कही। उन्होंने योजना में जिलेवार प्रगति की समीक्षा भी की।
राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि जैविक उद्यानिकी खेती करने वाले किसानों की जिलेवार सूची बनाई जाएगी। जिसके बाद किसानों के समूह बनायें जायेंगे। साथ ही उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को जैविक पद्धति से खेती करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये एक जिले में कम से कम एक फसल प्रोडक्ट ऐसा तैयार करें, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में निर्यात किया जा सके। बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।