मप्र युवा कांग्रेस चुनाव के बाद बवाल, राहुल गांधी तक पहुंची शिकायत, चहेतों को पद दिलाने में दिग्गज

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव (By-Election) के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी और अंतर्कलह सामने आई है।अब 7 साल बाद  हुए मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव (MP Youth Congress Election) को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।आंकड़ों के हेरफेर और चुनाव की प्रक्रिया सवाल खड़े हो रहे है।चुनाव के तीन दिन बीत जाने के बावजूद अबतक परिणाम घोषित नही किए गए है, हालांकि 18 दिसंबर को परिणाम जारी होने की संभावना है।

इतना ही नहीं बड़े नेताओं पर आरोप लगने के बाद मामला हाईकमान के पास भी पहुंच गया है।प्रदेश के कई जिलों से पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi को शिकायतें भेजी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वोटिंग के बाद नए नियम जारी किए गए। यह नियम सोमवार सुबह 9 बजे डीआरओ ने सोशल मीडिया(Social Media) पर जारी किए गए हैं और 2018 की वोटर लिस्ट (Voter List) के आधार पर ऑनलाइन वोटिंग (Online Voting) करा दी गई। जबकी 27 फरवरी 2020 को ऑनलाइन मेंबरशिप शुरू की गई थी, जिसकी फीस 125 रुपए प्रति सदस्य ली गई थी, ऐसे में नए सदस्यों को वोटिंग से वंचित कर दिया गया है।

नए नियमों के अनुसार एक वोट के रद्द होने के केस में वह वोट सभी कमेटियों के परिणाम से हटा दिया जाएगा। इसका मतलब है कि एक सदस्य द्वारा डाले गए सभी 5 वोट (Vote) अमान्य हो जाएंगे। चुनाव में मात्र 1.10 लाख सदस्यों ने वोटिंग की, जबकि मप्र में वोटर 3.5 लाख हैं।

10, 11 और 12 दिसंबर को हुए चुनाव में 1,11,821 मतदाताओं ने ऑनलाइन मतदान प्रक्रिया (Online Voting Process) में हिस्सा लिया था। इसमें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए करीब 9 उम्मीदवार मैदान में हैं।खास मुकाबला कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) के बेटे विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria), संजय यादव और विवेक त्रिपाठी के बीच है। इसे पूरे चुनाव में जहां भूरिया को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh), संजय यादव को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी(Jitu Patwari) और प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी और विवेक त्रिपाठी को एनएसयूआइ से युवा कांग्रेस में आई टीम का समर्थन मिला ।जिसके बाद से ही बड़े नेताओं पर अपने चहेतों को पद दिलाने के आरोप लग रहे है और बवाल खड़ा हो गया है।
विवेक त्रिपाठी ने चुनाव प्रभारी को लिखा पत्र

एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी (vivek tripathi) ने चुनाव प्रभारी को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है। विवेक त्रिपाठी ने लिखा है कि युवा कांग्रेस के ऑफिशल वॉट्सऐप ग्रुप में एक मैसेज डाला गया था, जिसमे विगत दिनों सम्पन्न हुए संग़ठन चुनाव के मतदान के 3 दिन बाद वोटो को रदद् करने के मापदंड जारी किये गए, जिसको लेकर पूरे प्रदेश में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आ्क्रोश है और मन मे ये सवाल है की इस पूरी प्रक्रिया को शुरू हुए भी 3 साल से ज्यादा हो चुके है और आजतक चुनाव के परिणाम नही आ पा रहे है।

नंबर बदला तो मतदान से हुए बाहर

विवेक ने आगे लिखा है कि हर रोज एक तुगलकी आदेश  प्राप्त होता है जिसमे आव्यवहारीक बातों का उल्लेख ज्यादा होता है। प्रदेश में लगभग 3.5 लाख से ज्यादा सदस्यों को जोड़ा गया परन्तु इनमें से 50% से ज्यादा सदस्य सिर्फ इसलिए अपना वोट नही डाल पाए क्योंकि 3 साल पहले वाला उनका मोबाइल नंबर अब बदल चुका है, सिर्फ इसलिये इनको मतदान से वंचित कर देना मै समझता हूं इनके साथ सौतेला व्यवहार करने जैसा हुआ। कई युवाओ के जो नंबर अभी युवा कांग्रेस के पोर्टल पर जारी हुई मतदात सूची में प्रदर्शित हो रहे है वो भी जब एप पर वोट डालने का प्रयास कर रहे थे तो वोट डालने में असमर्थ रहे, कई युवाओ के नाम सदस्यता ग्रहण करने के बाद भी मतदाता सूची में या तो आये नही या रिजेक्ट लिस्ट में ही दिखाते रहे जबकी इन सभी को सुधार के लिए कई बार सभी DRO को सभी प्रत्याशीओ द्वारा आग्रह किया गया लेकिन अबतक सुधार नही हुआ है।

प्रत्याशी को जानने का अधिकार कहां से कितना वोट मिला
विवके ने लिखा है कि सभी प्रत्यशियों ने पूरी ईमानदारी के साथ इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया है इस लिए आपके इन मापदंड से हमे कोई आपत्ति नही ,हम सिर्फ इस बात से आपत्ति है की ये सारी बातें तो चुनाव पूर्व जारी करने योग्य है इनको आज चुनाव के 3 दिन बाद उल्लखित करना किसी सुनियोजित एजेंडे का हिस्सा प्रतीत होता है।विवेक ने मांग की है कि हर प्रत्याशी को जानने का पूरा अधिकार है की उसको कहाँ से उसको कितना वोट प्राप्त हुआ है।कृपया ये जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ हर कार्यकर्ता की जिज्ञासा को संतुष्ट करने की कृपा करें।जिस से संग़ठन के प्रति मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के युवाओं का विश्वास अडिगता के साथ बना रहे।

 


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