जबलपुर, संदीप कुमार। प्रदेश में एक बार फिर से होमगार्ड सैनिक (Home guard soldier) अपने वेतन और कार्यशैली को लेकर हाईकोर्ट (highcourt) की शरण में जा पहुंचे हैं। हाईकोर्ट में होमगार्ड सैनिक द्वारा नियमितीकरण (Regularization) और वेतन (salary) के नाकाफी को लेकर याचिका दायर की गई है। जिसके बाद न्यायाधीश ने तीनों बेंच की सुनवाई एक साथ किए जाने की व्यवस्था की है।
हालांकि इस बार होमगार्ड सैनिक अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं। जहां उनके द्वारा जबलपुर सहित इंदौर और ग्वालियर बेंच (v) में भी याचिका दायर की गई है। इस मामले में सभी सुनवाई एक साथ किए जाने की व्यवस्था की गई है। जहां सभी मामले की सुनवाई मुख्य पीठ जबलपुर में लिंक करके की जाएगी।
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होमगार्ड सैनिकों द्वारा दी गई याचिका में कहा गया है कि 12 महीने के दौरान उन्हें 2 महीने के लिए घर पर बैठा दिया जाता है जिससे उनके सेवा की अनियमितता बनी हुई है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने एक सवाल में कहा कि यदि नौकरी पुलिस जैसी है तो वेतन भी उसी स्तर का क्यों नहीं दिया जा रहा?
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नियमितीकरण के लिए नियम के तहत 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाना चाहिए लेकिन सरकार होमगार्ड के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर रही है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
दरअसल पिछले कई सालों से होमगार्ड सैनिक अपने वेतन और नियमितीकरण को लेकर हाईकोर्ट की शरण ले रहे हैं। हालांकि पहले जब उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। तब हाई कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण आदेश पारित किया गया था। जिसमें कहा गया था कि होमगार्ड सैनिकों को भी अब पुलिस आरक्षक के तरह ही वेतन दिए जाएंगे।