भोपाल, संदीप सिंह गहरवार। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक “नाबार्ड” (NABARD) द्वारा भोपाल में 14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक उमंग 2क022 राष्ट्र स्तरीय प्रदर्शनी सह बिक्री का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के कोने-कोने से आए हुए स्व सहायता समूहों (MP Self help group) के शिल्पकार, कारीगर, किसान, बुनकर आदि अपनी कलाकृतियां, उपज, वस्त्र, सजावटी वस्तुओं आदि उत्पादों को, दिल-दिमाग और हाथों के समन्वय से शुद्ध, उत्कृष्ट, गुणवत्तायुक्त, मनोहारी सृजन कर लेकर आए हैं। छोटे-छोटे गांवों से बड़े-बड़े ख़्वाब और उम्मीद लेकर आए हुए बहुत सारे स्व सहायता समूह इस आयोजन अवधि में अपने विभिन्न उत्पादों के साथ मौजूद हैं।
इस संबंध हेमलता जैन रचना ने बताया कि नाबार्ड द्वारा लघु और सीमांत व्यवसायियों को व्यापार का शुभ अवसर प्रदान किया जा रहा है। पूरे देश के अलग-अलग राज्यों, जिलों के दूरस्थ गांव से आए हुए कारीगरों को ना केवल व्यापार हेतु स्थान उपलब्ध कराया गया है बल्कि उनके रहने, आवागमन के साधन के साथ ही भोजन आदि की भी समुचित व्यवस्था की गई है, जिससे मध्यप्रदेश के साथ पूरे देश से आए हुए छोटे व्यापारियों को बड़े शहर में किसी भी तरह की कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
आयोजन के संबंध में नाबार्ड के अधिकारी कमर जावेद तथा पीआरओ महेश रायचंदानी ने चर्चा में बताया कि इस आयोजन में अनेक स्थानों के उत्पादों के साथ ही खंडवा जिले से सतपुड़ा जैविक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड अपने जैविक उत्पाद लेकर आई है, जिनमें प्रमुख रूप से काला गेहूं, खपली गेहूं आदि का आटा, दलिया, सूजी, बासमती चावल के साथ बिना पॉलिश की जैविक दालों के साथ हाथ से पीसे मसाले, मिट्टी के बर्तन विशेष रूप से कुकर और सर्विस आइटम्स के साथ यहां पर आई है। अपने गेहूं की खासियत बताते हुए कंपनी के सीईओ विशाल शुक्ला ने बताया कि यह गेंहू ग्लूटेन फ्री होता है जो कि डायबिटीज, हार्ट पेशेंट, अस्थमा, किडनी आदि कई बीमारियों को कम करने में मदद करता है।
कंपनी ने अपनी टैगलाइन “जहर मुक्त खेती, दवा मुक्त दिनचर्या” को सार्थक करते हुए अपने उपभोक्ताओं को स्वस्थ जीवन और दवाओं से मुक्ति के प्रयासों को सफल बनाने के लिए भोपाल के नागरिकों से आह्वान किया है कि वे मेले में खरीदारी अवश्य करें। जिससे स्व सहायता समूह के उत्पादों को प्रोत्साहन मिले। विक्रेताओं को भी बेहतर दीपावली मनाने का सौभाग्य मिले, उनके हुनर को पहचान मिले। साथ ही विभिन्न राज्यों के मिलावट रहित, उत्कृष्ट गुणवत्ता के उत्पाद बड़े प्रतिष्ठानों की तुलना में काफी कम कीमत पर प्राप्त कर इस राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी सह बिक्री में आशा और अपेक्षा के साथ आए स्व सहायता समूहों के शिल्पकारों, कारीगरों, मेहनतकशों को प्रोत्साहन प्रदान करें।