भोपाल।
भाजपा के 15 साल के शासन के खिलाफ ‘वक्त है बदलाव का’ नारा देकर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार में प्रशासनिक सुधारों को लेकर तेजी से काम चल रहा है। मध्य प्रदेश के प्रशासक मुखिया मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती के नेतृत्व में लगातार इस बात को लेकर मंथन और चिंतन चल रहा है कि किस तरह से सरकार के कामों को तेज गति के साथ जनता तक पहुंचा कर उन्हें उनका फायदा दिया जा सके।
दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों के अनुरूप मुख्य सचिव मोहंती ने सभी जिला कलेक्टरो को निर्देश दिए हैं कि जनहित से संबंधित जाकर कामों को जिला स्तर पर ही निराकरण किया जाए यानी अब लोगों को काम निपटाने के लिए भोपाल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कलेक्टर को दिए गए इन निर्देशों का असर साफ तौर पर सीएम हेल्पलाइन और जन समस्या निवारण जैसी हेल्पलाइनो मे होने वाली शिकायतो की संख्या में आई भारी कमी से साफ तौर पर दिखता है।
मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि यदि किसी भी स्तर पर कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित कलेक्टर सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। वल्लभ भवन में भी होने वाली बैठकों में अब अधिकारी महसूस करने लगे हैं कि अब केवल कोरे प्रेजेंटेशन और आंकड़ों की बाजीगरी के बजाय हकीकत ही पेश करनी होगी क्योंकि खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव मोहंती बहुत बारीकी के साथ हर विभाग की समीक्षा करते हैं और विभाग की एक समानांतर समीक्षा उनके पास पहले से मौजूद रहती है।
पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठकों में यह बात साफ तौर पर सामने आई। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठकों में आने वाले अनावश्यक मुद्दों को भी संबंधित विभाग के स्तर पर ही निपटाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कैबिनेट के सामने केवल नीतिगत निर्णय पेश हो सकें। सरकार की वचन पत्र को तेजी के साथ पूरी तरह से लागू करने की दिशा में प्रशासन का ही रवैया सचमुच एक सकारात्मक पहल है।