सोमवार को लोकसभा में पेश होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल, चर्चा के लिए JPC के पास भेजा जाएगा

'एक देश एक चुनाव' विधेयक का उद्देश्य भारत में विभिन्न स्तरों पर होने वाले चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। इसका मतलब है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव, साथ ही स्थानीय निकाय चुनावों को भी एक निर्धारित समय सीमा में आयोजित किया जाए। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावी खर्चों को कम करना, चुनावों से होने वाली असुविधाओं को कम करना और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना है​

Virendra Sharma
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One Nation One Election Bill : सोमवार को लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (ONOE) बिल पेश किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बिल पेश करेंगे। यह बिल देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ, यानी एक ही दिन या एक निर्धारित समय सीमा के भीतर आयोजित करने का प्रस्ताव करता है। माना जा रहा है कि संसद में बिल पेश होने के बाद सरकार इस विधेयक को केंद्रीय संसदीय समिति (JPC) के पास भेजेगी।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का उद्देश्य चुनावी खर्चों में कमी लाना और प्रशासनिक प्रभावशीलता में सुधार करना है। हाल ही में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। समिति ने सुझाव दिया कि पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएं। इसके बाद, दूसरे चरण में स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ किए जाएं।

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लोकसभा में पेश होगा ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को संसद में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पेश करेंगे। यह विधेयक संविधान में संशोधन के लिए है, जिसका उद्देश्य भारत में सभी चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। इसमें लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक निश्चित समय सीमा में आयोजित करने का प्रस्ताव है।  कोविंद समिति की रिपोर्ट के बाद हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में बिल पेश होने के बाद इसे चर्चा और आम सहमति बनाने के लिए केंद्रीय संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा।

‘एक देश, एक चुनाव’

‘एक देश, एक चुनाव’ का मुख्य उद्देश्य चुनावी खर्च को कम करना और चुनावी प्रक्रिया को स्थिर बनाना है। इसकी सिफारिश उच्च-स्तरीय समिति द्वारा की गई थी, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। इस बिल के पारित होने से देशभर में चुनावों का समय समन्वित होगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया के दौरान सरकार के कामकाजी समय में कोई व्यवधान न आए और प्रशासनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। विधेयक के तहत, लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को हर पांच साल में एक साथ करने की योजना है। हालांकि इस योजना को लागू करने के लिए कई संवैधानिक बदलावों की आवश्यकता होगी।


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