पीएम मोदी ने कहा ‘वर्तमान चुनाव नतीजे विपक्ष के लिए golden opportunity है’, दी ये सलाह

PM Narendra Modi

PM Modi gave advice to the opposition : तीन राज्यों में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे विपक्ष के लिए golden opportunity बताया है। उन्होने कहा कि इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की बजाय इस पराजय से सीख लेना चाहिए और नकारात्मकता छोड़नी चाहिए। सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हो गया और इस दौरान पीएम ने ये बात कही।

पीएम मोदी ने विपक्ष को दी सलाह

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हुआ। लोकसभा में जब पीएम मोदी पहुंचे तो एनडीए सांसदों ने खड़े होकर ‘तीसरी बार मोदी सरकार’ ‘बार बार मोदी सरकार’ के नारे लगाए। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि ‘अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं, तो ये सत्र विपक्ष में बैठे हुए साथियों के लिए Golden Opportunity है। इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले 9 साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा।’

‘लोकतंत्र के लिए विपक्ष भी बहुत महत्वपूर्ण है’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विपक्ष के लिए नया द्वार खुल सकता है और वो विपक्ष में हैं तो भी मैं उनको एक अच्छा सुझाव दे रहा हूं। आप सकारात्मक विचार लेकर आइये। अगर हम दस कदम चलते हैं तो आप बारह कदम चलने का फैसला लेकर आइये। हर किसी का भविष्य उज्ज्वल है। निराश होने की जरुरत नहीं है। लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मता उतारना। हताशा निराशा होगी..आपके साथियों को आपका दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी होगा। लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वो मंच मत बनाइये। अभी भी मैं अपने लंबे अनुभव के आधार पर करता हूं कि थोड़ा सा अपना रुख बदलिये। विरोध के लिए विरोध का तरीका छोड़िए। देशहित में सकारात्मक चीजों का साथ दीजिए। जो कमियां हो उसपर डिबेट कीजिए। देश के मन में आज ऐसी बातों पर जो नफरत पैदा हो रही है..हो सकता है वो मोहब्बत में बदल जाए। मौका है..ये मौका जाने मत दीजिए।’ पीएम मोदी ने कहा कि वो राजनीतिक दृष्टिकोण से भी कहना चाहते हैं कि विपक्ष का भला भी इसमें है कि वो देश को सकारात्मकता का संदेश दे, क्योंकि अगर उनकी छवि भी नफरत और नकारात्मक बनेगी तो वो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। लोकतंत्र में विपक्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण और मूल्यवान है इसीलिए उसे उतना ही सामर्थ्यवान भी होना चाहिए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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