चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी खींचातानी जारी हैं। सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने सिद्धू को सलाहकार मलविंदर को हटाने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद माली ने खुद ही अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, इस सियासी घमासान के बीच सिद्धू ने सख्त चेतावनी भी दी है।
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नवजोत सिंह सिद्धू ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें फैसले लेने नहीं दिए गए तो वह सहन नहीं बल्कि ईंट से ईंट बजा देंगे। सिद्धू ने अपने एक भाषण में यह सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि, पार्टी आलाकमान से मैंने कहा है कि अगर मैं पंजाब की जनता और पंजाब मॉडल की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल रहा तो दो दशक तक कांग्रेस को पिक्चर से बाहर नहीं होने दूंगा। इसके आगे उन्होंने कहा कि, निर्णय लेने की खुली छूट नहीं दी गई तो वे ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने यह भी साफ कहा कि, दर्शनी घोड़ा बनकर कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि, मैं न कसमें खाता हूं न मैं दावा करता हूं, मैं बस वादा करता हूं। वहीं, सिद्धू ने नाम लिए बगैर कैप्टन सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य के संसाधन निजी जेब में जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने कार्यकारी अध्यक्षों और सलाहकारों को नियुक्त किया था, जिन पर बवाल हुआ था। सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरा कोई जानी नुकसान होता है तो इसके लिए ये नेता जिम्मेदार होंगे। माली ने लिखा है, ‘वह पंजाब लंबे समय से धार्मिक अल्पसंख्यकों, उत्पीड़ित लोगों, मानवाधिकारों, लोकतंत्र और संघीय ढांचे के लिए लड़ रहे हैं।’ माली मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करने के अलावा कश्मीर पर विवादित बयान और इंदिरा गांधी की आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने को लेकर निशाने पर आ गए थे।
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बढ़ते विवाद के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार के पद से मालविंदर सिंह माली ने इस्तीफा तो दे दिया है। लेकिन अब नवजोत सिंह सिद्धू की चेतावनी ने फिर बवाल खड़ा कर दिया, मालविंदर सिंह पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के निशाने पर थे। उन्होंने सिद्धू से उन्हें हटाए जाने की नसीहत देते हुए कहा था कि अपने सलाहकारों को उन्हें कंट्रोल में रखना चाहिए। लेकिन इस्तीफे के बाद अब ईट से ईट बजाने के इस बयान ने फिर सियासी घमासान के संकेत दे दिए है।