आखिरी चरणों में गर्माएगा गोलीकांड और दलित आंदोलन का मुद्दा!

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भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव चार चरणों में होना है। सभी सीटों पर राजनीतिक दलों का चुनाव-प्रचार जोरों पर है। जिसमें से पहले चरण की 6 सीटों पर सोमवार को मतदान होना है। जबकि आखिरी दो चरणों की 16 सीटों पर मतदान 12 एवं 19 मई को होना है। इनमें से ज्यादातर सीट उस क्षेत्र की हैं, जहां पिछले सालों में किसान आंदोलन एवं दलित आंदोलन हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में ये आंदोलन प्रमुख मुद्दा थे। प्रदेश में आखिरी दो चरणों में ये दोनों मुद्दे फिर गर्म हो सकते हैं। हालांकि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने किसान गोलीकांड एवं दलित आंदोलन इन मुद्दों को तूल नहीं दिया है। 

प्रदेश में तीसरे चरण में ग्वालियर-चंबल एवं मध्य भारत क्षेत्र की आठ सीटों पर चुनाव होना है। एक साल पहले 2 अप्रैल को धधके दलित आंदोलन की चपेट में ग्वालियर-चंबल का बड़ा हिस्सा आया था। राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव में दलित आंदोलन को मुददा बनाया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में अभी तक यह मुद्दा पूरी तरह से गायब है। हालांकि भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को तूल देने की कोशिश की है, लेकिन इसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली है। भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी देवाशीष जरारिया पर भाजपा नेताओं ने 2 अप्रैल के दलित आंदोलन एवं जेएनयू से जोड़कर आरोप लगाए थे। जिस पर जरारिया ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे एवं उनका बयान छापने वाले समाचार पत्र को कानूनी नोटिस भेजा है। इसके बाद दलित आंदोलन जैसे मुद्दे को किसी भी नेता ने अभी तक नहीं छेड़ा है।


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