भोपाल/दमोह।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए दमोह संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल के खिलाफ दावेदारी करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रही कुसुम महदेले के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव ने दमोह लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की है। जबकी एक दिन पहले इस सीट से सांसद प्रहलाद पटेल दो टूक कह चुके है कि वे सीट छोड़ने वाले नही, जो गलतफहमी में है वे अपना दिमाग दुरस्त कर ले। अभिषेक की दावेदारी से बीजेपी में खलबली मच गई है और दमोह की राजनीति में भी भूचाल आ गया है।बता दे कि अभिषेक भार्गव ने हाल ही में सांसद प्रहलाद पटेल के एक फेसबुक पोस्ट को लेकर आपत्ति जताते हुए सांसद पर निशाना साधा था|
दरअसल, सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर दमोह जिला अस्पताल में रक्तदान करने पहुंचे थे। जहां पत्रकारों द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा की यही सबसे खूबसूरत बात है कि इस पार्टी में कोई भी कहीं से भी टिकट मांग सकता है, फिर चाहे वह प्रधानमंत्री का लोकसभा क्षेत्र बनारस ही क्यों न हो, इसलिए मैं दमोह लोकसभा क्षेत्र से पूरी दम के साथ टिकट की दावेदारी कर रहा हूं । उन्होंने बताया कि वह विधानसभा चुनाव के पहले से करीब सात-आठ सालों से दमोह लोकसभा में सक्रिय हैं। ये उनका गृह क्षेत्र है, इसलिए मंशा है कि इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करु और सांसद बनूं। हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी का होगा जो मुझे मान्य होगा। वही सांसद पटेल के दमोह से दोबारा चुनाव लड़ने के बयान पर उन्होंने कहा कि वह वरिष्ठ हैं, इसलिए उनके बयान पर कुछ कहना ठीक नहीं, लेकिन वह अपनी दावेदारी इस क्षेत्र से कर रहे हैं और वह कई सालों से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। खैर टिकट किसको मिलेगा यह तो पार्टी ही निर्धारित करेगी लेकिन नाम के ऐलान के पहले टिकट को लेकर सियासी पारा गर्म हो चला है।
मैं सीट छोड़ने वाला नही- प्रहलाद पटेल
एक दिन पहले ही दूसरे सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए सासंद प्रहलाद पटेल ने कहा था कि मैं मैदान से हटने वाला नहीं हूं, दमोह सीट से ही फिर लोकसभा चुनाव लड़ूंगा। जो गलत फहमी में है वे अपना दिमाग दुरुस्त कर लें। हम अपनी तरफ से दमोह छोड़ने वाले नहीं हैं। यह बात अलग है कि फैसला पार्टी करती हैं।चुंकी हाल ही में संघ ने भाजपा को जो 16 सांसदों के फीडबैक की रिपोर्ट पेश की है उसमें प्रहलाद पटेल का नाम भी शामिल है। संघ ने पटेल के भी टिकट काटने की सिफारिश की है। वहीं कुछ दिनों से दमोह संसदीय क्षेत्र में यह चर्चा थी कि पटेल दमोह सीट को छोड़कर अन्य लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन, सांसद पटेल ने यह बात स्पष्ट कर दिया है कि वे इस बार दमोह लोकसभा सीट से ही चुनावी मैदान में होंगे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने के बाद पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने फिर लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी ठोकी है। उन्होंने पीएम मोदी से मांग कि है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में दमोह या खजुराहो से टिकट दिया जाए या फिर राज्यपाल बनाए नही तो राज्यसभा भेजे। महदेले के बयान के बाद से ही भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है। कयास लगाए जा रहे है कि अगर मेहदेले को भाजपा ने इस बार टिकट नही दिया तो वे कांग्रेस की तरफ अपना रुख कर सकती है। हालांकि वह कह चुकी हैं कि कुसमरिया की तरह बगावत नहीं करेंगी। वही अभिषेक के इस बयान ने फिर नई राजनीति को हवा दे दी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में टिकट को लेकर फिर घमासान मचना तय माना जा रहा है।