इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के निर्देश पर स्कूल (School) तो खुल गए है लेकिन निजी स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे है। इसका सबसे बड़ा हर्जाना शिक्षकों (Teacher) को भुगतना पड़ रहा है। आलम ये है कि निजी स्कूल (Private Schools) छात्रों (Student) से तो फीस वसूल रहे है लेकिन शिक्षकों (Teacher) का वेतन 50 प्रतिशत से भी काम वेतन (Salary) दिया जा रहा है। इतना ही नहीं कईयों की नौकरी (Job) भी जा चुकी है।
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इसको लेकर अशासकीय शिक्षक कर्मचारी यूनियन एटक में आक्रोश व्याप्त है।वही शिक्षकों में भी नाराजगी है। अशासकीय शिक्षक कर्मचारी यूनियन एटक इंदौर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan), श्रमायुक्त, शिक्षा विभाग और अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। यदि जल्द ही आदेशों का पालन नहीं किया गया तो यूनियन धरना प्रदर्शन व चरणबध्द तरीके से आंदोलन (Protest) करेगी।
शासकीय शिक्षक कर्मचारी यूनियन एटक का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय (High Court) की मुख्य खण्डपीठ द्वारा विभिन्न अशासकीय विद्यालयों (Government schools) के पालक व कर्मचारियों के संगठन की याचिकाओं के संबंध में निर्णय दिया था जिसके अनुसार स्कूल, फीस (School Fees) तो वसूल रहे हैं, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल द्वारा जारी निर्देश करने के बावजूद शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों (Academic And Non-Academic Staff) को 25 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत या उससे भी कम वेतन का भुगतान किया जा रहा है ।इतना ही नहीं कई कर्मचारियों को बिना कारण नौकरी (Job) से निकाला और इस्तीफा (Resignation) लिया जा रहा है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण 22 मार्च के बाद से स्कूल बंद कर दिए गए थे, लेकिन अनलॉक (Unlock) और कोरोना के आंकड़े कम होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश 9वीं से 12वीं कक्षाओं के स्कूल खोल दिए गए है, ऐसे में स्कूल छात्रों से फीस तो वसूल रहे है लेकिन शिक्षकों के वेतन में कटौती की जा रही है। वही पहली से आठवीं कक्षा के स्कूल 1 अप्रैल से खोले जाएंगे।