भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। निकाय चुनावों (Civic elections 2021) से पहले मध्य प्रदेश (MP) के अध्यापक संवर्ग के करीब 2 लाख 36 हजार शिक्षकों (Teacher) ने प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसका कारण स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department)अंतर्गत नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किए गए शिक्षकों को फिलहाल क्रमोन्नति (Promotion) का लाभ न देना है। शिक्षकों ने लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आदेश को वापास लेने की मांग की है और ऐसा ना करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय (Commissioner of the Directorate of Public Education) की आयुक्त जयश्री कियावत ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त हुए लोक सेवक जिनके द्वारा 12 वर्ष की सेवा एक जुलाई 2018 से इसके बाद पूर्ण की गई हो, उन्हें क्रमोन्नति दिए जाने के संबंध में आदेश राज्य शासन (MP Government) के निर्देश के बाद जारी किए जाएंगे।इतना ही नहीं जिन जिलों में क्रमोन्नति के आदेश जारी हुए है, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निरस्त और वेतनमान को नोटिस देकर वसूली करवाई जा रही है।
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विभाग के इस फैसले के बाद शिक्षकों में भारी आक्रोश है और उन्होंने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द यह आदेश निरस्त किया जाए, वरना आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। अध्यापक संघ की प्रदेश अध्यक्ष शिल्पी शिवान और अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत भार्गव 8 मार्च को लोक शिक्षण ने ऐसा आदेश निकाला जिसमें 12 व 24 वर्ष की सेवा पश्चात मिलने वाली क्रमोन्नति रोक दी गई। अगर सरकार (Shivraj Government) ने समय रहते आदेश वापस नहीं लिया तो अध्यापक किसी बड़े आंदोलन (movement) की तैयारी करने पर मजबूर होगा।