Rajendra Shukla took review meeting : उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि हिंदी में एमबीबीएस का संचालन मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुसार छात्रों को उनकी ही भाषा में उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए ये अभिनव प्रयास किया गया है। गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश हिन्दी भाषा में एमबीबीएस की शिक्षा प्रदान करने वाला पहला राज्य है। मेडिकल पाठ्यक्रम को पढ़ाये जाने वाली 16 भाषाओं में अब हिन्दी भी शामिल हैं। ये बात उन्होने आज मंत्रालय में हिन्दी में एमबीबीएस कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कही।
जनवरी अंत तक हिंदी लिप्यंतरण द्वितीय एवं तृतीय चरण का कार्य पूरा हो जाएगा
इस मौके पर राजेंद्र शुक्ल को जानकारी दी गई कि अब तक प्रथम वर्ष के तीनों विषयों की पाठ्यपुस्तकें हिंदी में उपलब्ध करा दी गई हैं। द्वितीय एवं तृतीय चरण में आगामी वर्षों की पाठ्यपुस्तकों का हिंदी लिप्यंतरण कार्य भी जारी है। बता दे कि हिंदी लिप्यंतरण कार्य के द्वितीय एवं तृतीय चरण में 12 विषयों की 13 पुस्तकों में से 9 पुस्तकें हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो गई हैं। बाकी 4 पुस्तकें भी जनवरी माह के अंत तक पूर्ण कर ली जाएंगी।
हिंदी भाषा से एमबीबीएस की पहल सिद्ध हो रही है लाभप्रद
उप मुख्यमंत्री ने हिंदी भाषा में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे छात्रों के फीडबैक के संबंध में जानकारी प्राप्त की। लगभग 10 प्रतिशत विद्यार्थी हिंदी भाषा की पाठ्यपुस्तकों का लाभ ले रहे हैं। राजेंद्र शुक्ला ने आगामी सत्र से अंग्रेजी भाषा साथ हिंदी भाषा में भी प्रश्नपत्र तैयार करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि हर मेडिकल कॉलेज में हिन्दी प्रकोष्ठ ‘मंदार’ का गठन किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
राजेंद्र शुक्ल ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल आदि में चिकित्सकों को समय से इनसेंटिव और अन्य हितलाभ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। दवाओं एवं अन्य कंज्यूमेबल की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सुनियोजित योजना बनाई जाए। इन कार्यों के लिए बजट उपलब्धता प्राथमिकता से कराई जाए।
हमीदिया में कैथ लैब संचालन की व्यवस्था करें
उन्होने हमीदिया में कैथ लैब संचालन की समस्या पर संज्ञान लेते हुए निर्देश दिये कि शीघ्र संचालन की व्यवस्था बनाई जाए। उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि नई बिल्डिंग में कैथ लैब संचालन के लिए स्थान दिया गया है। जब तक नया ओपीडी ब्लॉक नहीं बनता तब तक कैथ लैब यहीं संचालित की जायेगी। जल्द ही लैब की शिफ्टिंग भी की जायेगी। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान, संचालक चिकित्सा शिक्षा अरुण श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्वसन चिकित्सा विभाग एवं राज्य नोडल अधिकारी हिन्दी प्रकोष्ठ डॉ लोकेंद्र दवे, अधीक्षक हमीदिया एवं विषय नोडल हिन्दी प्रकोष्ठ डॉ आशीष गोहिया सहित एसोसिएट प्रोफेसर ईएनटी विभाग और विषय नोडल हिंदी प्रकोष्ठ डॉ. यशवीर जेके, उप कुलसचिव एवं राज्य समन्वयक हिन्दी प्रकोष्ठ अमृता बाजपेयी तथा सलाहकार हिन्दी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा रागिता अग्निहोत्री उपस्थित थे।