भोपाल।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद मध्य प्रदेश में इस्तीफों का दौर तेज हो गया ह���। कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तन्खा और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के बाद अब प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और सुरेंद्र चौधरी ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ कमलनाथ को भेज दिया है। आने वाले दिनों कई और बड़े नेता भी इस्तीफा दे सकते है।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और सुरेंद्र चौधरी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए दोनों ने अपने पद छोड़ने का एलान किया और अपना इस्तीफा कमलनाथ को भेज दिया है। इस पर रामनिवास रावत ने कहा कि जब हमें कार्यकारी अध्यक्ष बनाने वाले ने इस्तीफा दे दिया तो हमें पद पर बने रहने का हक नहीं है। वही सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि हार की जिम्मेदारी हम सबकी है। हमें भी पद पर नहीं रहना चाहिए।
एक दिन पहले कमलनाथ भी ले चुके हैं हार की जिम्मेदारी
एक दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मीडिया से चर्चा में कहा था कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं और मैं पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुका हूं। सीएम के बयान को उचित बताते हुए कांग्रेस के लीगल सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विवेक तन्खा ने भी अपना इस्तीफा दे दिया था। तन्खा ने विधि और सूचना विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था इसके बाद पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने लोकसभा चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और अब रावत और चौधरी ने इस्तीफा दिया है।
राहुल ने जताया था दुख
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने पर अड़े हुए हैं। हार पर हाल ही में राहुल गाँधी ने दुख जताते हुए कहा था कि उनके इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया। इसके बाद से ही कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है।आने वाले दिनों में कई और नेताओं के इस्तीफे सामने आ सकते है।