भोपाल। मध्य प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानूून (सीएए) के लिए लोगों को जागरुक करने पार्टी जन जन जागरण अभियान चला रही है। लेकिन पार्टी के ही कई पदाधकारी इस कानून का विरोध भी कर रहे हैं। लगातार बन रहे दबाव के बाद अब पार्टी से कार्यकर्ताओं समेत पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना भी शुरू कर दिया है। प्रदेश में लगभग 600 से अधिक पदाधिकार और कार्यकर्ता इस्तीफा दे चुके हैं। जिससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे में यह इस्तीफे धनाधन हो रहे हैं। जिससे पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। वहीं, पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे में भी इस विरोध का असर देखने को मिल रहा है। पार्टी में अलग थलग पड़े इस मोर्चा के प्रदेश भर की पदाधिकारियों समेत 600 से अधिक कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं। जिससे पार्टी में खलबली मच गई है। भोपाल, इंदौर समेत खरगौन जिले में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पार्टी को छोड़ दिया है।
खरगोन में सबसे अधिक इस्तीफे
अल्पसंख्यक मोर्चे की नाराजगी सबसे ज्यादा खरगोन जिले में देखने को मिली। खरगोन जिले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के 173 पदाधिकारियों और करीब 500 कार्यकर्ताओं ने 9 जनवरी को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। खरगोन के अलावा, भोपाल, देवास और हरदा में भी कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की बात सामने आई है। खरगोन जिले की अध्यक्ष तस्लीम खान के अनुसार, खरगोन जिले के 173 पदाधिकारियों और 500 कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। खान ने कहा- हमारे समुदाय को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की आपत्तिजनक और कई बार निजी टिप्पणियों को हम लोगों ने नजर अंदाज किया, लेकिन CAA और NRC हमारी सहनशीलता से परे है। भोपाल में अल्पसंख्यक मोर्चे के मीडिया प्रभारी रहे जावेद बेग ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना था कि उनपर समाज के लोगों का भी काफी दबाव था। नागरिकता संशोधन कानून पर पार्टी ने अल्पसंख्यक मोर्चे से कोई समन्वय भी नहीं बनाया।