भोपाल| मध्य प्रदेश में जनता के लिए व्यवस्थात्मक सुधार के लिए सरकार नए-नए प्रयोग कर रही है, ताकि जनता को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, वहीं लोगों की समस्याओं का निराकरण भी समय सीमा में हो| इसके लिए अब नया फॉर्मूला लागू किया गया है| प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को जिले का जिम्मा सौंपा गया है, शासन ने जिलों में प्रभारी सचिवों की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है| इस निर्णय के अनुसार अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव/ सचिवों व समकक्ष अधिकारियों को जिले आवंटित किए गए हैं| जिले की प्रशासनिक समन्वय, योजना समीक्षा व फैसलों की कमान अब इन अफसरों के हाथ में होगी| प्रभारी मंत्री की तरह अब आईएएस अधिकारियों को जिला सचिव बनाया गया है|
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के इन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं उन्हें अपने प्रभार वाले जिले का नियमित भ्रमण करना होगा, दो माह में कम से कम एक बार यह भ्रमण जरूरी है | भ्रमण के दौरान यह प्रमुख लक्ष्य होगा कि आम जनता को प्रभावित करने वाले विषय पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाए इसी प्रकार के विषयों से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना पहली प्राथमिकता होगी| शासन की प्राथमिकताओं और नीतियों का मैदानी स्तर पर सही क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाना आवश्यक है| मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जिले में भ्रमण के दौरान उक्त लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शासन की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं का क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी | यदि इन योजनाओं के अतिरिक्त किसी अन्य योजनाओं की भी समीक्षा करना आवश्यक समझते हैं या उस जिले के लिए कोई योजना महत्वपूर्ण है तो ऐसी योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी|
जिलों में नियुक्त किये गए प्रभारी सचिवों को भ्रमण के बाद योजनाओं के क्रियान्वयन, मुख्य समस्याओं एवं उनके निराकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का व्योरा मुख्य सचिव को देना होगा| कमलनाथ सरकार जिला सरकार की अवधारणा को फिर से लागू कर रही है, इसी के तहत जिलों को ही पावरफुल बनाया जाएगा| इसमें जिला के प्रभारी मंत्री को जिला स्तर के फैसले लेने का अधिकार होगा|